भोपाल। बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी (बीयू) ने इस बार आंसरशीट में ओसीआर (ऑप्टीकल कैरेक्टर रीडर) टेक्नोलाॅजी का उपयोग किया है। दावा है कि इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से विश्वविद्यालय में परीक्षा के रिजल्ट बनाने की प्रक्रिया में आसानी होगी और समय पर रिजल्ट घोषित हो सकेंगे। वहीं छात्र को इस बार रोल नंबर और नामांकन के अलावा अपना, मां और पिता का नाम भी लिखना होगा। इस व्यवस्था से कॉपी को ट्रेस करने में आसानी होगी।
कभी-कभी छात्र रोल नंबर गलत लिख देते हैं। ऐसे में मां और पिता का नाम लिखे होने से उसे ट्रेस करने में आसानी होगी, लेकिन इनके नाम लिखे होने से पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं। क्योंकि, छात्र की पहचान आसानी से उजागर की जा सकती है।
हालांकि, विवि ने इस टेक्नोलॉजी का आंसरशीट में उपयोग तो कर लिया है, लेकिन अभी तक रिजल्ट प्रोसेसिंग एजेंसी को हायर नहीं कर सका है। इसलिए इस बार इसका लाभ नहीं मिल सकेगा। क्योंकि, विवि के पास एेसे स्किल्ड वर्कर नहीं है जिनकी मदद से इस टेक्नोलॉजी का उपयोग करना शुरू कर दिया जाए। इसके बाद रिजल्ट प्रोसेसिंग में आसानी होगी। सॉफ्टवेयर के माध्यम से मूल्यांकन के बाद विभिन्न एंट्री को रीड किया जा सकेगा। इसके कारण रिजल्ट में अलग से डाटा एंट्री की जरूरत नहीं पड़ेगी।
छात्रों की आंसरशीट का मूल्यांकन होता है। मूल्यांकनकर्ता मार्किंग कर फाइल और काउंटर फाइल तैयार हैं। इसके बाद भी बड़ी परीक्षाओं में रिजल्ट प्रोसेसिंग में एक महीने का समय लग जाता है। मूल्यांकन के बाद कोडिंग-डिकोडिंग कर अवॉर्ड लिस्ट तैयार होती है। इसमें छात्र के रोल नंबर का मिलान किया जाता है। इसके बाद रिजल्ट प्रोसेसिंग एजेंसी को डाटा एंट्री करने भेज दिया जाता है। सभी छात्रों का रिकॉर्ड एकजाई किया जाता है और त्रुटियां सुधारी जाती हैं। इसके बाद रिजल्ट घोषित किया जाता है।