Home स्पोर्ट्स आपकी टीम अब प्लेऑफ की रेस से बाहर अलविदा विराट..

आपकी टीम अब प्लेऑफ की रेस से बाहर अलविदा विराट..

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अगर आप रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के ‘हार्डकोर फैन’ हैं तो शायद अब भी आप ये गणित लगाएंगे कि अभी लीग में 8 मैच बाकि हैं. अगर अबसे लेकर अगले सभी 8 मैच रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर जीत जाए तो ‘प्लेऑफ’ में पहुंच सकता है. लेकिन आपको भी पता है कि ऐसा नहीं होने वाला.

विराट कोहली की टीम जिस स्तर का प्रदर्शन कर रही है उससे पहली जीत मिलना ही मुश्किल हो रहा है तो लगातार आठ जीत के सपने देखना बेमानी है. रविवार को दिल्ली के हाथों आरसीबी को 4 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने दिल्ली को 150 रनों का लक्ष्य दिया था जो उन्होंने 19वें ओवर में 6 विकेट खोकर हासिल कर लिया.

दिल्ली के बल्लेबाजों ने बाद के ओवरों में बेवजह की जल्दबाजी दिखाई वरना आरसीबी की हार का अंतर और बड़ा होता. लिहाजा सच्चाई यही है कि पिछले तमाम सीजन की तरह इस बार भी आरसीबी की टीम खाली हाथ ही रहेगी. अलबत्ता पिछले तमाम सीजन से कहीं ज्यादा बुरी स्थिति में टीम टूर्नामेंट से बाहर होगी. दिल्ली के खिलाफ मैच में हार के बाद विराट कोहली की बातचीत से भी झलक गया कि वो इस नतीजे को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहाकि अब तनाव लेने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि तनाव लेकर आगे के मैच में और नुकसान ही होगा इसलिए बेहतर है कि टीम खेल का मजा ले.

विराट कोहली ने रविवार को मैच में खिलाड़ियों से हुई गलती की वजह भी लगातार हार के दबाव को बताया. आरसीबी के गेंदबाजों ने ना सिर्फ खराब गेंदबाजी की बल्कि फील्डर्स ने श्रेयस अय्यर को दो-दो बार जीवनदान दिया. ‘मिसफील्ड’ की वजह से भी कुछ ‘एक्सट्रा’ रन गए.

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के फैंस इस वक्त प्वाइंट टेबल के इतिहास भूगोल को नाप रहे होंगे. इस बात को समझने की कोशिश कर रहे होंगे कि क्या पहले 6 मैच हारने के बाद किसी टीम ने प्लेऑफ खेला है. उनकी जानकारी के लिए हम बता दें कि लीग मैचों में लगातार पहले पांच मैचों में हार के बाद मुंबई इंडियंस ने 2014 में प्लेऑफ खेला था. इसके अलावा 2015 में तो मुंबई इंडियंस ने पहले चार मैचों में लगातार हार के बाद खिताब जीता था. लेकिन ये कहानी चार और पांच हार की है. 6 हार कुछ ज्यादा ही होती है. ऐसा नहीं कि इससे पहले आईपीएल में कोई टीम लगातार 6 मैच नहीं हारी लेकिन फिर वो टीम प्लेऑफ नहीं खेली है.

सच्चाई ये है कि इस सीजन में विराट कोहली की टीम के साथ कुछ भी अच्छा नहीं हुआ. बतौर बल्लेबाज दुनिया के दो सबसे बेहतरीन खिलाड़ी यानि एबी डीविलियर्स और विराट कोहली कुछ एक अच्छी पारियां ही खेल पाए. 6 मैचों में विराट ने 203 और डीविलियर्स ने 173 रन बनाए. जो इन दोनों बल्लेबाजों के कद के हिसाब से काफी कम है. गेंदबाजी में विराट कोहली की टीम बिल्कुल फिसड्डी साबित हुई.

चहल ने विकेट जरूर लिए लेकिन रन भी बहुत लुटाए. बाकि बल्लेबाज असर डालने में नाकाम रहे. विराट कोहली के प्रयोग भी असफल रहे. उन्होंने सलामी जोड़ी को लेकर काफी अदल-बदल किया लेकिन कोई जोड़ी चली नहीं. विराट कोहली का खुद पारी की शुरूआत करने का फैसला भी सकारात्मक नहीं रहा.

ये फैसला इसलिए भी चौंकाने वाला था क्योंकि वो नंबर तीन पर शानदार बल्लेबाजी करते आ रहे हैं. नंबर तीन पर बल्लेबाजी कर वो मैच की रफ्तार पर नियंत्रण रखते हैं. लेकिन पिछले कुछ सीजन में पारी की शुरूआत करके खूब सारे रन बनाने का रिकॉर्ड शायद उन्हें इस लालच से रोक नहीं पाया. ऐसा नहीं है कि आरसीबी की टीम इस सीजन में जीत की पटरी पर नहीं लौटेगी. लेकिन जब तक लौटेगी तब तक बहुत देर हो चुकी होगी.

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