सुबह से चटक धूप है। आसमान में कहीं-कहीं बादल भी हैं। संभावना है कि दोपहर बाद आसमान में बादलों का डेरा बढ़ जाए और शाम होते-होते तेज हवा के साथ हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। सोमवार को भी मौसम का मिजाज बिल्कुल बीते रविवार जैसा ही रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी एक सप्ताह तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। हालांकि इस दौरान गर्मी से राहत नहीं मिलेगी
मौसम विभाग के अनुसार, चंबल, रीवा, होशंगाबाद और भोपाल संभागों के जिलों के साथ ही ग्वालियर, दतिया, अशोकनगर, गुना, सागर, दमोह, कटनी, जबलपुर और देवास जिलों में तेज हवा के साथ ही हल्की वर्षा यश गरज, चमक के साथ बौछारें पड़ेंगी।
सोमवार को भी दिन और रात के तापमान में बदलाव देखने को नहीं मिला। रात का तापमान 23.4 डिग्री रहा। वहीं रविवार को दिन का तापमान 40.2 डिग्री। रात का तापमान 2.5 डिग्री अधिक था। वहीं, दिन का तापमान सामान्य से 2.8 और दिन का तापमान लगातार पांचवें दिन 40 के पार रहा। तीन अप्रैल को दिन का तापमान पहली बार 40 के पार गया था, तब से दिन का तापमान 40 के पार ही चला आ रहा है। सोमवार को भी तापमान में विशेष बदलाव की गुंजाइश नहीं है।
पूर्व वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एसके नायक ने बताया कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इसके 10 दिन तक और बने रहने की संभावना है। चूंकि, बंगाल की खाड़ी से हवा में नमी आ रही है। इसके विपरीत ऊपर से (राजस्थान की ओर से) गरम हवाएं आ रही हैं। इन हवाओं का टकराव जमीन से करीब डेढ़ से दो किमी ऊपर हो रहा है। इस कारण राजधानी में कंडक्टिव एक्टिविटी (अचानक बादल छाना, धूलभरी आंधी आना, गरज-चमक और बूंदाबांदी) हो रही हैं।
द्रोणिका उत्तर पूर्वी राजस्थान से नार्थ छत्तीसगढ़ तक बनी हुई है। इस कारण तापमान में थोड़ी गिरावट आई है। अगर द्रोणिका अपनी जगह बदलती है तो तापमान में गिरावट और बढ़ोतरी की आशंका है। हालांकि, रात का तापमान 20 से 23 डिग्री और दिन का तापमान 40 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है।
अप्रैल में अब तक का सबसे ज्यादा तापमान 1996 में रहा है। तब 29 अप्रैल काे दिन का तापमान 44.4 डिग्री पहुंचा था। 2009 में 44 और 2010 में 43.4 डिग्री रहा था। 2018 में अप्रैल में दिन का तापमान 42.8 डिग्री रिकाॅर्ड हुआ था। सामान्यत: अप्रैल में दिन का पारा 40-43 डिग्री के बीच रहता है।