Home धर्म/ज्योतिष देवी के पूजन से मिलेगा मनचाहा वर दूर होंगी विवाह की रुकावटें…

देवी के पूजन से मिलेगा मनचाहा वर दूर होंगी विवाह की रुकावटें…

7
0
SHARE

नवदुर्गा का छठवां स्वरूप मां कात्यायनी का होता है. इस दिन माता के भक्त मां की अराधना करके उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. शास्त्रों के अनुसार कात्यायन ऋषि के तप से प्रसन्न होकर मां आदि शाक्ति ऋषि कात्यायन की पुत्री के रूप में अवतरित हुई. ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण माता कात्यायनी कहलाती हैं. मां की चारों भुजाओं मैं अस्त्र शस्त्र और कमल का पुष्प है. मां का वाहन सिंह है. ऐसी मान्यता है कि कात्यायनी माता का व्रत और उनकी पूजा करने से कुंवारी कन्याओं के विवाह में आने वाली बाधा दूर होती है.

कब करें मां कात्यायनी का पूजन

ज्योतिष में बृहस्पति का सम्बन्ध मां कात्यायनी से माना जाना चाहिए. आपको बता दें इस साल मां कात्यायनी की पूजा 11 अप्रैल को की जाएगी. मां कात्यायनी की साधना का समय गोधूली काल है. मान्यता है कि इस समय में धूप, दीप, गुग्गुल से मां की पूजा करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती है. जो भक्त माता को पांच तरह की मिठाईयों का भोग लगाकर कुंवारी कन्याओं में प्रसाद बांटते हैं माता उनकी आय में आने वाली बाधा को दूर करती हैं और व्यक्ति अपनी मेहनत और योग्यता के अनुसार धन अर्जित करने में सफल होता है.

मां कात्यायनी ने देवताओं की प्रार्थना सुनकर महिषासुर से युद्ध किया. महिसासुर से युद्ध करते हुए मां जब थक गई तब उन्होंने शहद युक्त पान खाया. शहद युक्त पान खाने से मां कात्यायनी की थकान दूर हो गयी और महिषासुर का वध कर दिया. कात्यायनी की साधना एवं भक्ति करने वालों को मां की प्रसन्नता के लिए शहद युक्त पान अर्पित करना चाहिए.

मां कात्यायनी ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार गोपियों ने श्री कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी ही पूजा की थी.

मान्यता है कि यदि किसी कन्या का विवाह न हो रहा हो या विवाह होने में कोई विघ्न उत्पन्न हो रहा हो तो उन लड़कियों को मां कात्यायनी का पूजन अवश्य करना चाहिए. माना जाता है कि विवाह सम्बन्धी मामलों के लिए मां कात्यायनी की पूजा अचूक होती है. मां कात्यायनी की पूजा सच्चे मन से करने से कन्या को योग्य मनचाहे पति की प्राप्ति होती है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here