हास्य कवि प्रदीप चौबे का निधन हो गया है। ग्वालियर में उन्होंने आखिरी सांस ली। बीती रात सीने में दर्द होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वो कैंसर से भी पीड़ित थे। कुछ समय पहले अपने छोटे बेटे के निधन के बाद से ही वह गहरे सदमे में थे
अपनी हास्य रचनाओं से सबको हंसाने और गुदगुदाने वाले 70 वर्षीय कवि प्रदीप और ग्वालियर कवि प्रदीप को गुरुवार रात उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत हुई थी। परिजन उन्हें अस्पताल ले गए, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
26 अगस्त को 1949 को जन्मे प्रदीप चौबे के बिना हर हास्य महफिल अधूरी थी। आखिरी बार होली के समय कपिल शर्मा शो के जरिए वो सार्वजनिक मंच पर दिखे थे। उनके करीबी कहते हैं कि वो जितना लोगों को हंसाते थे, उतना ही अपने अंदर के दु:खों को छुपाए रहते थे। उन्हें गॉल ब्लैडर का कैंसर भी था। व्यंग्यकार, कवि और गीतकार प्रदीप चौबे अपनी कविताओं में कॉमेडी के साथ-साथ तीखे व्यंग्य के लिए पहचाने जाते थे। उनकी अधिकतर हास्य कविताओं में रूढ़िवादी मानसिकता पर गहरी चोट होती थी। उनके यूं अचानक चले जाने से साहित्य जगत और साहित्यकार स्तब्ध हैं।