Home धर्म/ज्योतिष राम नवमी ये है शुभ मुहूर्त और पूजन विधि..

राम नवमी ये है शुभ मुहूर्त और पूजन विधि..

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चैत्र नवरात्रि का समापन राम नवमी के साथ होता है. शास्त्रों के अनुसार, राम नवमी राम जी के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है. राम नवमी मनाने की तिथि को लेकर इस बार काफी असमंजस है. बता दें, इस बार राम नवमी 13 और 14 अप्रैल दो दिन मनाई जाएगी. मान्यता है कि राम जी का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी के दिन दोपहर के समय हुआ था. ये भी मान्यता है कि उस दिन पुनर्वसु नक्षत्र था साथ ही चन्द्रमा भी कर्क राशि में था और वहीं लगभग सारे ग्रह उच्च के थे. 13 अप्रैल शनिवार को लगभग 121 साल बाद ऐसा ही संयोग बना है. चन्द्रमा कर्क राशि में है. नर्वसु नक्षत्र भी है. चैत्र शुक्ल नवमी श्री राम का जन्म दिवस के दिन राम नाम जपने से हर कष्ट से मुक्ति मिलेगी. श्री राम जी के साथ नवरात्रि के अंतिम दिन मां के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की भी उपासना की जाती है.

नवमी मुहूर्त-

ज्योतिष गणना अनुसार नवमी तिथि शनिवार को प्रातः 11 बजकर 41 मिनट से आरंभ होकर रविवार को प्रातः 9 बजकर 35 मिनट तक रहेगी. साधकगण शनिवार और रविवार को नवमी पूजा और यज्ञ अनुष्ठान कर सकते हैं. उदयातिथि को मानने अनुसार नवमी पूजनकाल रविवार को अहोरात्र बना रहेगा.

 राम नवमी पूजन विधि-

नारद पुराण के अनुसार राम नवमी के दिन भक्तों को उपवास करना चाहिए.

घर के मंदिर में भगवान भगवान राम की मूर्ति की स्थापना करें और दीपक जलाएं.

श्री राम जी की पूजा-अर्चना करने के बाद रामायण और राम रक्षास्‍त्रोत का पाठ करें.

ब्राह्मणों को भोजन कराएं और गौ, भूमि, वस्त्र आदि का दान दें.

इसके बाद भगवान श्रीराम की पूजा संपन्न करनी चाहिए.

क्यों मनाई जाती है ‘रामनवमी’

मान्यताओं के अनुसार चैत्र मास की नवमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ था. इसी उपलक्ष्य में इस नवमी को रामनवमी के रूप में जाना जाता है. रामनवमी में हर वर्ष देश के कोने-कोने से यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. सुबह से ही सरयू स्नान और मंदिरों में पूजा-अर्चना शुरू हो जाती है. इस दिन मंदिरों में बधाई और सोहर के गीत गूंजने लगते हैं. इस अवसर पर दूर-दराज से आए लोग भगवान राम के जन्म पर सोहर गीत गाते हैं और धूमधाम से नाचते हैं.

सुखी जीवन और हर कष्ट पर विजय पाने लिए राम नवमी पर खास पूजा करें-

स्नान कर पीले वस्त्र पहनें.

लाल कपड़े बिछाकर सीता राम जी की तस्वीर रखें.

शुद्ध घी या तिल तेल दीपक जलाएं साथ ही चंदन की अगरबत्ती जलाएं.

गुलाब, फूल, माला और गुलाम पुष्प चढ़ाएं,

सफ़ेद मिठाई और कोई सफ़ेद फल चढ़ाएं.

इस मंत्र ॐ रामाय नमः। ॐ श्रीं रामाय नमः ।ॐ क्लीं रामाय नमः का जाप करें.

श्रीराम राम नवमी पर करें ये ख़ास उपाय, मिलेंगे वरदान-

एक पानीवाला जटावाला नारियल लें.

बीच से ऐसे तोड़ें की दो कटोरी बन जाए.

एक में घी भरकर एक बत्ती लगा दें.

दूसरे में तिल के तेल भरकर रुई की बत्ती लगाएं.

घी के दीपक को मुख्य द्वार से बाहर निकलते दाहिने तरफ और तिल तेल दीपक बाएं तरफ जलाएं.

घर में श्रीराम की पूजा करें और भोग लगाकर घरवालों को प्रसाद बांट दें.

बाद में काले कपड़े में एक नारियल गुड़ और तिल बांधकर दोनों दीपक पीपल पर छोड़ आएं.

तनाव और क्लेश को कम करने के लिए ऐसे करें श्री राम जी की आराधना-

प्रभु श्री राम की कोई तस्वीर सामने रखें.

तिल के तेल का दीपक जलाएं और अगरबत्ती भी जलाएं.

8 मिनट तक श्री राम की तस्वीर का ध्यान लगाएं.

फिर जय श्री राम, हरे राम, राम-राम, हरे हरे का जाप करें.

श्री राम को लड्डू का भोग लगाकर प्रसाद खाएं.

सारी चिंता दूर होगी. मन शांत होगा और काम भी हल हो जाएगा.

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