भोपाल संसदीय सीट से बीजेपी उम्मीदवार और मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने आतंकी हमले में शहीद हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे पर दिया बयान वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि यह मेरा निजी बयान था, जो कि मैंने सही गई पीड़ा की वजह से दिया है। आतंकी हमले में शहीद होने वाले व्यक्ति का सम्मान करना चाहिए।
साध्वी के बयान पर उठे विवाद में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि, ‘करकरे ने भारत की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए और उनका सम्मान किया जाना चाहिए।’ इससे पहले बीजेपी ने विज्ञप्ति जारी कर साध्वी के बयान से किनारा कर लिया था। पार्टी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि, बीजेपी का मानना है कि स्वर्गीय हेमंत करकरे आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। भाजपा ने हमेशा उन्हें शहीद माना है। साध्वी प्रज्ञा का बयान निजी है जो कि वर्षों तक उन्हें हुई शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के कारण दिया गया होगा। आपको बता दें कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मुम्बई के आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे पर यातना देने का आरोप लगाया।
प्रज्ञा ने लालघाटी क्षेत्र में भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में मुंबई एटीएस के दिवंगत प्रमुख का नाम लेते हुए कहा, ”मैं मुंबई जेल में थी उस समय। जांच जो बिठाई थी, सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब सबूत नहीं है तो साध्वीजी को छोड़ दो। सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैरकानूनी है। लेकिन उसने (करकरे) कहा कि मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा। मुझे इतनी यातनाएं दीं, इतनी गंदी गालियां दीं जो असहनीय थी, मेरे लिए और मेरे लिए नहीं, किसी के लिए भी। मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा।’
मध्यप्रदेश की भोपाल संसदीय सीट से कांग्रेस उम्मीदवार एवं वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश के लिए शहादत देने वालों पर किसी को भी कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि वे चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ टिप्पणी नहीं करते हैं, लेकिन ये सच है कि जिसने देश के लिए शहादत दी हो, उस पर किसी को टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। उधर, चुनाव आयोग ने भोपाल कलेक्टर से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की तरफ हेमंत करकरे पर दिए बयान को लेकर रिपोर्ट मांगी है।