भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के खिलाफ भाजपा द्वारा साध्वी प्रज्ञा भारती को मैदान में उतारने की घोषणा के बाद से सियासी पारा चढ़ा हुआ है। अपनी उम्मीदवारी घोषित होने के बाद प्रज्ञा भारती ने एक के बाद एक दो विवादास्पद बयान दिए। चुनाव आयोग ने नोटिस दिया और उन्होंने उसका जवाब दिया। सोमवार को कटनी में काग्रेस समर्थक कंप्यूटर बाबा ने प्रज्ञा ठाकुर की तुलना रावण से कर दी।
कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल कंप्यूटर बाबा ने कहा कि यदि साधु के वेश में रावण आ जाए तो उसे साधु नहीं माना जा सकता। यही हाल प्रज्ञा ठाकुर का है। साधु-संत जो हैं वह घर्म की तरफ रहते हैं, सदाचार की तरफ रहते हैं। वे साध्वी कैसे हो सकती हैं जबकि उनके ऊपर हत्या, आतंकवाद और बम ब्लॉस्ट जैसे मामलों में केस चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के साथ पूरे प्रदेश का संत समाज है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ साध्वी प्रज्ञा ठाकुर हैं और एक तरफ धर्म है। उन्होंने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर जेल की परिक्रमा कर के आईं हैं। वहीं, दिग्विजय सिंह ने मां नर्मदा की परिक्रमा की है। इसलिए जनता खुद सोचे वह वोट किसे दें।
शनिवार को भोपाल में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी कहा था कि प्रज्ञा ठाकुर साध्वी नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि अगर वो साध्वी हैं तो अपने नाम के पीछे ठाकुर क्यों लिखती हैं। साधू वो होता है जिसके जीवन की सामाजित मौत हो चुकी हो, लेकिन उनके साथ ऐसा कुछ नहीं हैं।
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री जीतू पटवारी ने साध्वी प्रज्ञा भारती से साध्वी होने के सबूत देने कहा है। जीतू पटवारी ने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर के आचरण, बोलचाल की भाषा से ऐसा प्रतीत नहीं होता की वे साध्वी हैं। उन्हें अपने साध्वी होने का प्रमाण शब्दों से देना चाहिए।