2008 मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी और भोपाल से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर के बचाव में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनके बचाव में आए हैं. चौहान ने प्रज्ञा ठाकुर को ‘देशभक्त और हिन्दुस्तान की मासूम बेटी’ बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि वह भोपाल से भारी बहुमत से जीतेंगी. चौहान ने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर को मालेगांव बम विस्फोट मामले में झूठे आरोपों के तहत फंसाया गया है. एनडीटीवी से बात करते हुए चौहान ने कहा, ‘उन पर आरोप लगाने के लिए कानून का दुरुपयोग किया गया. उनके साथ अमानवीय व्यवहार हुआ है. उनके साथ जो हुआ है, उसे सोचकर किसी के भी रौंगटे खड़े हो सकते हैं. मेरा आरोप है कि एक झूठे ‘हिंदू आतंकवाद’ का प्रचार किया गया था और दिग्विजय सिंह इसके मास्टरमाइंड थे.’
से कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को टिकट दिया है. इस सीट से साल 1989 से भाजपा जीतती आ रही है. भोपाल सीट भाजपा के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती है, ऐेसे में भाजपा ने प्रज्ञा ठाकुर को वहां से क्या उतारा है? इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘कोई भी सामान्य उम्मीदवार दिग्विजय सिंह को हरा सकता था. लेकिन पार्टी ने प्रज्ञा को चुना. मुझे नहीं समझ आता कि उनकी उम्मीदवारी को लेकर इतना हंगामा क्यों है.’
प्रज्ञा ठाकुर पर लगे आरोपों पर कोई जवाब दिए बिना चौहान ने कहा कि एक नागरिक के नाते प्रज्ञा ठाकुर को चुनाव लड़ने का अधिकार है और भाजपा ने उन्हें जिम्मेदारी से उतारा है. उन्होंने कहा, ‘यह वो देश है, जहां द्रौपदी पर अत्याचार होने पर महाभारत हुआ था. लोग स्वीकार नहीं करेंगे कि साध्वी प्रज्ञा के साथ क्या हुआ है.’हेमंत करकरे को ‘शाप’ सहित दिए गए विवादित बयानों के बारे में सवाल पूछे जाने चौहान ने कहा कि, ‘वह एक सामाजिक कार्यकर्ता रही हैं और यह चीज उन पर थोप दी गई है. उन्होंने कहा कि वह अपने लिए बोल सकती हैं, उन्हें किसी के बचाव की जरूरत नहीं है.
पिछले सप्ताह भाजपा ज्वाइन करने के साथ ही उन्हें भोपाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया. इसके बाद प्रज्ञा ठाकुर विवादित बयान देकर मीडिया की सुर्खियों में आ गई थीं, जिसका काफी विरोध हुआ और उनकी पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी. टीवी चैनल टीवी9 को इंटरव्यू देते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने दावा किया था कि 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहाने वाले लोगों में वह शामिल थीं, और उन्हें इस पर ‘गर्व है.’ प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था, ‘हमने देश से एक धब्बा मिटा दिया. ढांचा ढहाने के लिए हम लोग गए थे. मैं उस ढांचे पर चढ़ी थी और उसे तोड़ा था. मुझे गर्व है कि भगवान ने मुझे यह मौका दिया. हम लोग वहां पर राम मंदिर बनाएंगे.’
चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ ‘समुदायों के बीच आपसी द्वेष और तनाव पैदा करने’ पर नोटिस जारी किया था, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि उनका कहना है कि वह अपने बयान पर अडिग हैं. उन्होंने कहा, ‘हां, मैं वहां गई थी. मैंने कल भी यह कहा था, मैं मना नहीं कर रही. मैंने ढांचा ढहाया था. मैं वहां जाऊंगी और राम मंदिर बनाने में मदद करूंगी. हमें ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता.’ इससे पहले उन्होंने कहा था कि उन्होंने 26/11 मुंबई हमले में शहीद हेमंत करकरे को ‘शाप’ दिया था. ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, ‘मैंने उनसे कहा था कि तुम खत्म हो जाओगे और दो महीने के भीतर ही आतंकियों ने उन्हें मार गिराया