लोकसभा चुनाव 2019 में वाराणसी सीट से कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी न होने के फैसले पर खुद प्रियंका गांधी ने जवाब दिया है. उत्तर प्रदेश के रायबरेली में चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने पत्रकारों से बातचीत में वाराणसी से चुनाव न लड़ने के पीछे की वजह बताई है. उन्होंने कहा है कि अगर वह वाराणसी से चुनाव लड़तीं तो वह सिर्फ वाराणसी तक ही सीमित रह जातीं, जबकि उनका काम पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश का है. बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के पांचवें चरण में होने वाले मतदान से पहले प्रियंका गांधी लगातार चुनावी प्रचार कर रही हैं और अलग-अलग संसदीय क्षेत्र में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए घुम-घुम कर वोट मांग रही हैं.
प्रियंका गांधी ने कहा कि ‘देखिए यहां पर काम बहुत है. अगर मैं वाराणसी से लड़ती तो वाराणसी तक सीमित रहती. जबकि मेरा काम पूर्वी यूपी में उससे कहीं ज्यादा है. हर उम्मीदवार चाहते हैं कि मैं उनके लिए जाकर प्रचार करूं, मैं उन्हें निराश भी नहीं करना चाहती. मैंने शुरू से कहा था कि जो पार्टी निर्णय लेगी, वही करूंगी. अगर वो चाहते मैं लड़ूं तो मैं लड़ती, ना चाहती तो मैं नहीं लड़ती.’
उन्होंने आगे कहा कि ‘मैंने बहुत बार कहा था कि मैं बहुत खुश होउंगी अगर मुझे पूर्वी उत्तर प्रदेश का सिर्फ काम करने दे. प्रियंका गांधी अपने लिए थोड़े ही जा रही है राजनीति में? कांग्रेस का संगठन कमजोर है यहां, हमें मजबूत बनाना है. राजनीति सिर्फ जीतने के लिए थोड़ी होती है? मेरी रणनीति बिलकुल स्पष्ट है, 2019 में बीजेपी को यहां से हराना, यूपी से हराना. बिलकुल बीजेपी यूपी में बुरी तरह पीछे जाएगी, बहुत बुरी तरह हारेगी. ये बिलकुल स्पष्ट है कि यहां हमारे उम्मीदवार अच्छा लड़ रहे हैं. जहां उम्मीदवार मजबूत हैं, वहां कांग्रेस जीतेगी. जहां हमारे उम्मीदवार थोड़े हल्के हैं, वहां हमने ऐसे उम्मीदवार दिए हैं, जो बीजेपी का वोट काटे. कांग्रेस बीजेपी का वोट काटेगी.’
गौरतलब है कि वाराणसी से कांग्रेस पार्टी ने पीएम मोदी के खिलाफ अजय राय को मैदान में उतारा है. हालांकि, इससे पहले चर्चा थी कि प्रियंका गांधी पीएम मोदी को वाराणसी से टक्कर देंगी. मगर अंत में कांग्रेस ने फैसला लिया कि प्रियंका गांधी को चुनाव में न उतारा जाए.