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हिमाचल वन विभाग के मुखिया की गाड़ी को कुर्क करने के आदेश…

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हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने वन विभाग के प्रधान मुख्य अरण्यपाल हॉफ (हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स) की सरकारी गाड़ी को कुर्क करने के आदेश दिए हैं। ट्रिब्यूनल के प्रशासनिक सदस्य डीके शर्मा ने प्रार्थी रूप सिंह की अनुपालना याचिका की सुनवाई के बाद पीसीसीएफ  की सरकारी गाड़ी के अटैचमेंट वारंट जारी करने के आदेश दिए।

प्रार्थी का आरोप है कि वन विभाग प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के 20 नवंबर, 2015 के आदेश की अनुपालना नहीं कर रहा है, जिसके तहत उसे 10 वर्ष की दिहाड़ीदार सेवा के तुरंत बाद वर्क चार्ज स्टेटस देने के साथ-साथ इससे जुड़े सभी सेवा लाभ देने के आदेश दिए थे। प्रार्थी का कहना है कि वन विभाग हाईकोर्ट से भी हार चुका है और अब सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने को आधार बनाकर ट्रिब्यूनल के आदेशों की अनुपालना नहीं कर रहा।

मामले के अनुसार प्रार्थी को 1991 में चौपाल वन मंडल में बतौर दिहाड़ीदार बेलदार रखा गया। 240 दिन काम करने के बाद उसे वन विभाग ने 1992 में काम से निकाल दिया। प्रार्थी को ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार फिर नौकरी पर रखा, लेकिन वर्ष 1997 में उसे फिर निकाल दिया। मामला लेबर कोर्ट पहुंचा और 2 जनवरी, 2013 को पारित आदेशों में प्रार्थी की बर्खास्तगी को गैरकानूनी ठहराया गया।विभाग को आदेश दिए कि प्रार्थी को 1997 से उसकी रिटायरमेंट तक की उम्र यानी 60 वर्ष की आयु तक बैक वेजिस दे। लेबर कोर्ट के फैसले के समय प्रार्थी की उम्र 65 वर्ष हो चुकी थी। ऐसे में उसे दोबारा नौकरी पर रखने के आदेश नहीं दिए जा सके। लेबर कोर्ट ने प्रार्थी को अपना नियमितीकरण संबंधी मुद्दा सक्षम न्यायालय के समक्ष उठाने की छूट भी दी।

प्रार्थी ने मामला ट्रिब्यूनल के समक्ष उठाया जिसे स्वीकारते हुए ट्रिब्यूनल ने 20 नवंबर, 2015 को पारित आदेशों के तहत प्रार्थी को 10 वर्ष के दिहाड़ीदार कार्य के बाद वर्क चार्ज स्टेटस देकर सभी सेवा लाभ देने के आदेश दिए। वन विभाग ने ट्रिब्यूनल के आदेशों को रिट याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी, हाईकोर्ट ने 7 अगस्त, 2018 के फैसले के तहत याचिका खारिज कर दी। इसके बाद प्रार्थी ने ट्रिब्यूनल के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए अनुपालना याचिका दायर की।

वन विभाग ने बताया कि उन्होंने ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, इसलिए प्रार्थी को कोई लाभ नहीं दे सकते। ट्रिब्यूनल ने वन विभाग की इस दलील को खारिज कर कहा कि वन विभाग या तो सुप्रीम कोर्ट से स्थगन आदेश लाए या ट्रिब्यूनल के आदेशों की अनुपालना करे। ट्रिब्यूनल ने अपने आदेशों की अनुपालना न होने पर पीसीसीएफ  की सरकारी गाड़ी कुर्क करने के वारंट जारी करने के आदेश देते हुए मामले पर सुनवाई 3 जुलाई को निर्धारित की है।

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