चना जोर गर्म बाबू मैं लाई मजेदार… गुजरे जमाने की मशहूर फिल्म क्रांति का यह गीत इन दिनों सोलन शहर में हर किसी की जुबां पर है। प्रधानमंत्री के संबोधन को 24 घंटे गुजर चुके हैं, लेकिन उसके बाद से स्वर्गीय मनोहर लाल की दुकान के बाहर लोगों की कतार लगनी शुरू हो गई है।
हर कोई उनसे चने का राज और पिता की कहानी पूछ रहा है। मनोहर लाल के बेटे मुकेश कश्यप को 100 से अधिक बधाई संदेश मिल चुके हैं। मालरोड पर गुजरने वाले लोग मनोहर लाल की दुकान का बोर्ड ढूंढ रहे हैं।हो भी क्यों न आखिर पीएम मोदी ने भरे मंच से उनका नाम जो लिया है। पीएम ने ठोडो मैदान में हुई जनसभा में कहा था कि वे जब मालरोड पर घूमते थे तो उनके साथी मनोहर लाल की दुकान से चने लाकर उन्हें खिलाते थे।
उन्हें यह आज भी याद है। हालांकि, मनोहर लाल की मौत हुए करीब सात साल हो चुके हैं, लेकिन दुकान अभी भी उनके ही नाम से चल रही है। इसमें उनके बेटे और पोते बैठते हैं। स्वर्गीय मनोहर लाल के बेटे मुकेश कश्यप ने बताया कि जब से पीएम मोदी ने जनसभा के दौरान उनके पिता के दुकान की तारीफ की, तब से यह उनके लिए एक ख्वाब सा लगने लगा है।
उनकी दुकान पर आने वाला हर शख्स उन्हें मुबारकबाद दे रहा है। प्रधानमंत्री के मुंह से दुकान और पिता की तारीफ से और ज्यादा चर्चित हो चुके हैं। मुकेश कश्यप ने बताया कि वे संयुक्त परिवार में रहते थे। जब देश का विभाजन हुआ तो उस समय उनके पिता मनोहर लाल ने फ्रूट का व्यापार शुरू किया था। वह फ्रूट की फेरी लगाते थे। व्यापार करते-करते अचानक सोलन पहुंच गए। यहां उन्हें सोलन क्षेत्र का माहौल पसंद आया और यहीं बसने का विचार किया और चने का कारोबार करने लगे।