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शिमला में दो रिटायर फौजियों के बीच टक्कर से दांव पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा…

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शिमला संसदीय क्षेत्र में दो रिटायर ‘फौजियों’ के बीच कांटे की टक्कर है। दोनों की इस सियासी जंग में कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। कांग्रेस शिमला सीट पर वापस के लिए जोर आजमाइश कर रही है, तो भाजपा ने नए चेहरे के साथ जीत की हैट्रिक लगाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के अलावा मंत्रियों और विधायकों पर लीड दिलाने का दबाव है। संसदीय क्षेत्र में विस अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, शहरी विकास मंत्री राजीव सैजल, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के हलके आते हैं।

पीएम मोदी और शाह की रैलियों से भाजपा ने वोटरों को रिझाया तो कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू की रैली से भाजपा की घेरेबंदी करने के साथ ही स्थानीय मुद्दों को भुनाने का भी प्रयास किया। सीएम जयराम ठाकुर के साथ पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने भी यहां प्रचार किया। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर शानदार जीत दर्ज की थी। 17 विधानसभा क्षेत्रों में से कांग्रेस सिर्फ तीन में ही बढ़त हासिल कर पाई। 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में दोनों दल यहां बराबरी पर हैं।

कांग्रेस और भाजपा के यहां आठ-आठ विधायक हैं, जबकि एक सीट सीपीआईएम के खाते में गई है। पिछले लोस चुनाव में सबसे अधिक लीड दिलाने वाली नालागढ़ और पांवटा विधानसभा क्षेत्र में इस बार के परिणाम पर सबकी नजरें हैं। कांग्रेस ने सेवानिवृत्त कर्नल धनीराम शांडिल को मैदान में उतारा है। भाजपा ने सिटिंग एमपी का टिकट काटकर एयरफोर्स से रिटायर्ड सुरेश कश्यप पर दांव खेला है। धनीराम सोलन से विधायक हैं तो सुरेश कश्यप सिरमौर की पच्छाद विधानसभा से। धनीराम दो बार शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं। भाजपा ने इस बार पहली दफा सिरमौर से प्रत्याशी मैदान में उतारा है।

लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दों के साथ स्थानीय मुद्दे भी हावी हैं। पर्यटन विकास, केंद्र से स्वीकृत नेशनल हाईवे के निर्माण में देरी, नाहन शहर में आर्मी-सिविलियन विवाद, सेब पर आयात शुल्क घटाना, आडू की फसल का समर्थन मूल्य तय करना, फल एवं अन्य फसलों के विपणन की सुविधा में सुधार के अलावा सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा देना प्रमुख मुद्दे हैं। ओल्ड पेंशन योजना की बहाली, बेरोजगारी, पेयजल, महंगाई, जीएसटी, नोटबंदी जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो रही है। जनता के बीच सर्जिकल और एयर स्ट्राइक को लेकर भी खासी चर्चा है। शहर के चौगान मैदान स्थित पवेलियन में चुनावी चौपाल सज रही है। पवेलियन में बैठकर चुनावों को लेकर चर्चा हो रही है। पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर महेंद्र कंवर ने कहा कि देशहित सर्वोपरि है। नेता कुर्सी के लिए हदें पार कर देते हैं। नेता ऐसा होना चाहिए, जो देश को सुरक्षित रख सके। डीएस पठानिया ने खेल विकास पर जोर दिया। दिल्ली गेट में करीब 10:30 बजे चाय के साथ फैन का स्वाद चख रहे विजय सिंह ने साथ ही खड़े एक बुजुर्ग से कहा कि मामा इस बार वोट कोसी देंईदा?

अर्थात इस बार वोट किसे दे रहे हो। बुजुर्ग बोला, जु जितला तैसी खे वोट देना। यानी, जो जीतेगा उसे दूंगा। बुजुर्ग ने यह जाहिर नहीं होने दिया कि वोट किसे देना है। इतना जरूर कहा कि चुनाव दो फौजी लड़ रहे हैं। मुकाबला कड़ा है।सराहां के बीएस ठाकुर कहते हैं वह वोट देते वक्त प्रत्याशी की योग्यता और नेतृत्व क्षमता को ध्यान में रखेंगे। रोजगार, स्वास्थ्य, सड़क और पेयजल जैसे मुद्दों के आधार पर ही वह अपने मत का प्रयोग करेंगे। वकील सिंह ने कहा कि सड़कें खस्ताहाल हैं। इस वजह से ज्यादातर हादसे हो रहे हैं। कई क्षेत्रों में अभी भी पानी का संकट है। रजनीश तोमर कहते हैं कि बड़े-बड़े अस्पताल तो खुल गए हैं, लेकिन चिकित्सक न होने से मरीजों को अभी भी आईजीएमसी या पीजीआई जाना पड़ रहा है।

चमन लाल ने कहा कि सिरमौर जिला अभी भी पिछड़ा है। विकास कोसों दूर है। देवेंद्र कहते हैं कि सिरमौर के गिरिपार के करीब पौने तीन लाख लोग जनजातीय दर्जे को तरस रहे हैं। वर्षों से यह मुद्दा उठता रहा है, लेकिन मामला अभी भी लटका हुआ है।भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप ने कहा कि शिमला सीट पर भाजपा सौ फीसदी जीत रही है। मोदी के सशक्त नेतृत्व और व्यक्तित्व पर लोग विश्वास जता रहे हैं। जनता मोदी को फिर प्रधानमंत्री बनाना चाहती है। केंद्र और राज्य सरकार के विकास कार्यों के दम पर जनता उन्हें चुनेगी।

निवर्तमान सांसद वीरेंद्र कश्यप के दस साल के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों का भी भाजपा को फायदा मिल रहा है। हाटी का मुद्दा उन्होंने ही केंद्र तक पहुंचाया। वह भी उनके साथ मोदी, गृह मंत्री, जनजातीय मंत्री और आरजीआई से मिले हैं। कांग्रेस प्रत्याशी धनीराम शांडिल का कहना है कि कांग्रेस की जीत होगी। उन्होंने विधायक रहते और एमपी रहते जो कार्य किए हैं, जनता उन पर मुहर लगाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास के मुद्दों से जनता को भटका रहे हैं। 2014 में जो मुद्दे लेकर वह सत्ता में आए थे, उन पर बात नहीं हो रही। भारतीय सेना के शौर्य की बात कहकर लोगों को असल मुद्दों से भटकाया जा रहा है। भाजपा के सांसद यहां गिरिपार के हाटी के मुद्दे को सुलझा नहीं पाए। अब इस मुद्दे पर भाजपा के शीर्ष नेता कुछ बोलने को तक तैयार नहीं है। उन्होंने कितने काम किए हैं, वह जनता बताएगी।

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