भोपाल. शहर को हरा-भरा बनाने के लिए इस मानसून सीजन में बड़े पैमाने पर पौधे लगाए जाएंगे। संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने शहर में 11 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया है। इसकी जिम्मेदारी नगर निगम, बीडीए, सीपीए सहित अन्य सरकारी एजेंसियों को दी गई है।
इसके लिए संभागायुक्त श्रीवास्तव ने गुरुवार को बैठक ली। इसमें उन्हाेंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलुरु के एक अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि भोपाल का फॉरेस्ट एरिया पिछले 2 दशक में 44% तक कम हुआ है, यदि अब सतर्क नहीं हुए तो 2030 में स्थिति भयावह होगी। भोपाल में सिर्फ 4 फीसदी ही फॉरेस्ट एरिया रह जाएगा।
उन्होंने बताया कि एक अध्ययन के अनुसार 2011 में तापमान अप्रैल का तापमान 32.33 डिग्री था, जो 2012 में बढ़कर 37.9 डिग्री हो गया है। 2018 में यह 40.6. डिग्री और इस साल यह तापमान अप्रैल में बढ़कर 42.0 डिग्री तक पहुंच गया जो चिंताजनक है। अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि बिना प्लानिंग के शहरीकरण से वनों के साथ ही भू-जल स्तर के अलावा अन्य प्राकृतिक जल स्रोतों को प्रभावित किया है।
बारिश में शहर को हरा-भरा बनाने के लिए हरा भोपाल-ठंडा भोपाल अभियान शुरू किया जाएगा। शुरुआत 15 जून के बाद होगी। सिटी फाॅरेस्ट विकसित करने के लिए जल्दी ही 25 एकड़ भूमि वाले स्थल पर भी निर्णय लिया जाएगा। बैठक में तय किया गया कि भोपाल शहर में पांच लाख पौधे रहवासियों द्वारा व्यक्तिगत या उनकी सोसायटी द्वारा लगाए जाएं और पौधे रियायती 12 रुपए प्रति पौधे की दर से उपलब्ध कराए जाएंगे। ये पौधे नगर निगम के सभी जोन कार्यालय और रहवासियों की मांग पर हरित मोबाइल वैन द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे। निगम आयुक्त वी विजय दत्ता ने कहा कि वे सभी जोन के अलावा अन्य स्थलों पर भी पौधे बेचने की व्यवस्था रहेगी।