लोकसभा चुनाव को लेकर विभिन्न समाचार माध्यमों के एग्जिट पोल व सर्वे में भारतीय जनता पार्टी को बहुमत मिलने के आसार के बीच मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि एग्जिट पोल के अनुसार एक बार फिर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस को दो से तीन सीटें मिलने वाली हैं, यह इस बात का संकेत है कि वर्तमान सरकार ने जनता का भरोसा खो दिया है. इसलिए उनकी मांग है कि राज्य विधानसभा का सत्र बुलाया जाए. इसके लिए वे राज्यपाल को पत्र लिखने वाले हैं. भार्गव ने आगे कहा,
विधानसभा सत्र में सत्ताधारी दल की शक्ति का भी परीक्षण हो जाएगा. कांग्रेस के पास दूसरों के सहयोग से बहुमत है, भाजपा चाहती तो वह भी जोड़-तोड़ करके सरकार बना सकती थी, मगर भाजपा ने ऐसा नहीं किया.” ज्ञात हो कि, राज्य की विधानसभा में 230 विधायक हैं, जिसमें कांग्रेस के 114 और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 109 विधायक है. कांग्रेस सरकार बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही है. लोकसभा चुनाव को लेकर समाचार माध्यमों के सर्वे में राज्य की 29 सीटों में से कांग्रेस को अधिकतम पांच सीटें मिलने की बात कही गई है.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के सातवें चरण का मतदान खत्म होने के साथ ही विभिन्न न्यूज चैनल द्वारा एग्जिट पोल जारी करने का सिलसिला शुरू हो गया है. इसी क्रम में के पोल ऑफ एग्जिट पोल्स के अनुसार पार्टी को एनडीए को मध्य प्रदेश फायदा होने जा रहा है. एग्जिट पोल के अनुसार एमपी में एनडीए को 24 सीटें मिल सकती हैं. जबकि कांग्रेस महज पांच सीटों पर समिट सकती है. 2018 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर अपनी सरकार बनाने वाली कांग्रेस के लिए एग्जिट पोल का यह परिणाम एक बड़े झटके की तरह हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा के साथ मिलकर सरकार में है.
इस बार 11 अप्रैल से 19 मई के बीच 7 चरणों में लोकसभा चुनाव हुआ. पहले चरण में 11 अप्रैल को 20 राज्यों की 91 सीटों पर मतदान हुआ, वहीं, दूसरे चरण में 18 अप्रैल को 13 राज्यों की 97 सीटों पर वोट डाले गए. तीसरे चरण में 23 अप्रैल को 14 राज्यों की 115 सीटों, चौथे चरण 29 अप्रैल को 9 राज्यों की 71 सीटों, पांचवें चरण में 6 मई को 7 राज्यों की 51 सीटों, छठे चरण में 12 मई को 7 राज्यों की 59 सीटों और सातवें व आखिरी चरण में 19 मई को 59 सीटों पर वोटिंग हुई.