लोकसभा चुनाव के खत्म होने के बाद विपक्षी पार्टियां एकजुट होने की कोशिश में लगी हुई हैं. इसी कवायद में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. नायडू ने पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक की, इसके बाद उन्होंने लखनऊ जाकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा अध्यक्ष मायावती से बातचीत की. लखनऊ से वापस लौटने के बाद उन्होंने राहुल गांधी और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से दोबारा मुलाकात की. आखिरी चरण के चुनाव खत्म होने के बाद एग्जिट पोल के नतीज सामने आ गए हैं. जिनमें ज्यादात्तर पोल्स में एनडीए की बहुमत वाली सरकार बनते हुए दिखाया गया है. इन नतीजों पर भाजपा जहां खुशी मना रही है, वहीं विपक्षी पार्टियों ने इन्हें खारिज किया है.
एग्जिट पोल के नतीजे आने के एक दिन बाद चंद्रबाबू नायडू आज (सोमवार) दोपहर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे. इसके बाद वह रात में वापस दिल्ली लौट आएंगे. वहीं दूसरी ओर खबरें थीं कि बसपा प्रमुख मायावती कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी से सोमवार को मुलाकात करेंगी. लेकिन इसी बीच बसपा का बयान आया कि मायावती की दिल्ली में किसी के साथ कोई बैठक नहीं हैं, वे लखनऊ में ही रहेंगी.
वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने सभी विपक्षी पार्टियों से एकजुट रहने की अपील की है. एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद ममता बनर्जी ने ट्वीट किया था, ‘मैं एक्जिट पोल के कयासों पर भरोसा नहीं करती. यह रणनीति अटकलबाजी के जरिए हजारों ईवीएम को बदलने या उनमें हेरफेर करने के लिए प्रयुक्त होती है. मैं सभी विपक्षी पार्टियों से एकजुट, मजबूत और साहसी रहने की अपील करती हूं.’ बंगाल भाजपा ने बनर्जी के बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए उनसे सपनों की दुनिया से बाहर निकलने को कहा. पार्टी ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार के दिन गिनती के रह गए हैं.
बता दें, ने सभी एग्जिट पोल्स को मिलाकर पोल ऑफ पोल्स बनाया.के पोल ऑफ पोल्स के अनुसार केंद्र में एक बार फिर मोदी सरकार की वापसी हो रही है. पोल ऑफ पोल्स के अनुसार बीजेपी गठबंधन को 300 से अधिक सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं, यूपीए 122 और अन्य 118 सीटों पर सिमटते दिख रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 435 सीटों पर लड़ी है और बाकी सीटें उसने सहयोगियों के साथ बांटी हैं. जबकि कांग्रेस कुल 420 सीटों पर चुनाव लड़ी है. बीजेपी की अगुवाई में एनडीए में इस बार 21 पार्टियां शामिल हैं. बिहार में उसको नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के आने से मजबूती मिली है और वोट प्रतिशत के हिसाब से उसका पलड़ा भारी है. वहीं यूपीए में इस बार कांग्रेस की अगुवाई में 25 पार्टियां शामिल हैं