हिमाचल में लोकसभा चुनाव में पिछले तमाम चुनावों से अधिक मतदान प्रतिशतता बढ़ने को नेता अपने-अपने पक्ष में आंक रहे हैं। रिकार्डतोड़ वोटिंग को भाजपा अपनी तो कांग्रेस अपनी जीत मान रही है। सबकी नजरें अब 23 मई को मतगणना के नतीजों पर ही गड़ी हैं। चुनाव आयोग के पास उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से इस चुनाव से पहले केवल 1998 में ही रिकार्ड 65.32 प्रतिशत मतदान हुआ था।
अब तो यह रिकार्ड भी टूट चुका है। लोगों में मतदान के लिए इतना अधिक उत्साह कांग्रेस जहां भाजपा के खिलाफ एंटीइनकमबेंसी के रूप में देख रही है, वहीं दूसरी ओर भाजपा मान रही है कि यह मोदी सरकार तथा हिमाचल की सवा साल पुरानी जयराम सरकार की नीतियों की ही जीत है।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस तरह राज्य भर में मतदाताओं में जोश देखा गया, उससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा चारों लोकसभा सीटों पर विजय हासिल करने जा रही है।
2019 का यह लोकसभा चुनाव मोदी सरकार के पांच वर्षों और कांग्रेस के 55 वर्षों के बीच चयन का चुनाव रहा। कांग्रेस 55 साल में जो नहीं कर सकी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच वर्षों में वह करके दिखाया। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा है कि प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ भारी मतदान भाजपा के खिलाफ हुआ है। वह आश्वस्त हैं कि राज्य में कांग्रेस चारों सीटों पर विजयी होगी। जब भी भारी मत पड़े हैं तो वोटरों ने सत्ता पर काबिज सरकार के खिलाफ नाराजगी ही जताई है।