सीमा सड़क संगठन ने दावा किया कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग 15 दिन बाद जून माह के प्रथम सप्ताह तक बहाल हो सकता है। बीआरओ बर्फ हटाते हुए 16,600 फीट की ऊंचाई पर बारालाचा दर्रे के करीब पहुंच गया है। हिमाचल की सीमा सरचू तक 25 किलोमीटर मार्ग से बर्फ हटाना शेष है। उधर, रोहतांग दर्रा बहाल होते ही जिला प्रशासन साढ़े पांच माह बाद मंगलवार से मनाली से केलांग को नियमित एचआरटीसी बस सेवा शुरू करने जा रहा है।
सोमवार को बस के सफल ट्रायल के बाद यह फैसला लिया गया। सीमा सड़क संगठन ने रोहतांग के बाद मनाली-लेह मार्ग की बहाली का कार्य और तेज कर दिया है। मौसम बाधा न बना तो 15 दिन बाद लेह मार्ग बहाल हो सकता है। लेह की तरफ बीआरओ हिमांक ने सड़क मार्ग को यातायात के लिए पहले ही बहाल कर दिया है। बारालाचा के पास जवानों को मार्ग बहाली में खूब पसीना बहाना पड़ रहा है। यहां जरा सा मौसम बिगड़ जाए तो बर्फ पड़ना शुरू हो जाती है।
संगठन के अधिकारियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से मौसम बाधा डाल रहा है। इसके बावजूद बारालाचा पास को बहाल करने में जुटे हैं। देश-विदेश के पर्यटकों व सेना को अब लेह-लदाख के दीदार को जून के पहले सप्ताह तक इंतजार करना पड़ेगा। सितंबर माह में बर्फबारी के बाद से यह मार्ग यातायात को बंद हो गया था। इस मार्ग से चीन सीमा पर पहरा दे भारतीय सैनिकों को रसद व गोला बारूद समय पर पहुंचाने में आसानी होगी। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान मार्ग अपनी सामरिक महत्ता दर्ज करवा चुका है।
सरचू तक सड़क बहाल करने का कार्य 25 किलोमीटर शेष है। मार्ग बहाली के प्रयास जारी है। मनाली-लेह मार्ग जून के पहले सप्ताह में ही बहाल हो सकता है। उमाशंकर, कमांडर 38 बीआरटीएफ लेह लद्दाख जाने वाले सैलानी मार्ग खुलने से पहले ही की एडवांस में बुकिंग कर देते हैं। जैसे ही मार्ग खुलता है पर्यटक आने की तारीख कन्फर्म कर देते हैं। रोहतांग दर्रा खुलने से केलांग और स्पीति में भी पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।