बुध मुख्यतः पृथ्वी तत्व का ग्रह है. बुध की दो राशियां होती हैं- मिथुन और कन्या. मिथुन राशि वायु तत्व की राशि है जबकि कन्या राशि पृथ्वी तत्व की राशि है. दोनों ही राशियों का स्वभाव और भाग्य एक दूसरे से बिलकुल अलग होता है. इन दोनों राशियों के जीवन के रास्ते भी अलग होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कन्या राशि बुध के ज्यादा निकट होती है लेकिन मिथुन राशि शनि के ज्यादा निकट होती है.
बुध की पहली राशि – मिथुन
इस राशि का स्वामी बुध है.
शनि यहां पर भाग्य बढ़ाने वाला माना जाता है.
यह राशि आकर्षण और बुद्धिमता की राशि मानी जाती है.
इस राशि के जातक हाजिरजवाब, चपल, और आकर्षक होते हैं.
इस राशि के लोगों का आकर्षण विपरीत लिंग के प्रति ज्यादा होता है.
ऐसे लोगों की सबसे बड़ी कमजोरी है दुविधा और लापरवाही होती है.
इस राशि के लोगों को नियमित रूप से हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए.
इस राशि के लोगों के लिए पीपल के नीचे दीपक जलाना भी लाभकारी होता है.
बुध की दूसरी राशि- कन्या
इस राशि का स्वामी भी बुध ही होता है.
यह राशि पृथ्वी तत्व की सबसे बड़ी राशि मानी जाती है.
इस राशि के लोगों में चालाकी, वाकपटुता और प्रबंधन के गुण मौजूद होते हैं.
इस राशि के लोग धन के मामले में भाग्यवान होते हैं.
इस राशि के लोगों में सबसे बड़ी कमजोरी होती है उनका किसी भी चीज को लेकर स्वार्थी होना.
इस राशि के लोगों को किसी ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद एक ओपल या हीरा पहनना चाहिए.
इस राशि के लोगों को गायत्री मंत्र का जप करना फलदायी होता है.