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कमलनाथ ने कहा भाजपा ने हमारे 10 विधायकों को पैसे व पद का आॅफर दिया..

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लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के दो दिन पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ के कांग्रेस विधायकों को पैसे और पद का लालच दिए जाने के बयान से सियासी हलचल बढ़ गई है। पीसीसी में मंगलवार को विधायकों और मंत्रियों की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया से चर्चा में कहा कि कांग्रेस के 10 विधायकों ने उन्हें बताया है कि उन्हें पैसे और पद का प्रलोभन दिया जा रहा है।

हालांकि नाथ ने दावे के साथ कहा कि उन्हें अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है। इस बीच कांग्रेस को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों में से सुरेंद्र सिंह ठाकुर ‘शेरा’ और केदार सिंह डाबर ने सरकार पर विश्वास व्यक्त किया है। शेरा ने कहा कि उनकी नाथ से बात हो चुकी है कि आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें 100 फीसदी जगह दी जाएगी। डाबर ने भी लगभग यही बात कही। उन्होंने कहा कि नाथ से खरगोन जिले को बड़ी उम्मीदें हंै।

मुझे भरोसा है कि वे मुझे मंत्रिमंडल में जगह देंगे। उन्होंने भाजपा द्वारा उनसे बात किए जाने के बारे में पूछे जाने पर साफ कर दिया कि उनसे किसी ने भी इस बारे में संपर्क नहीं किया है। विधायकों को दिया जा रहा है 25 से 50 करोड़ रुपए का ऑफर खाद्य मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने सुबह कहा था कि कांग्रेस के विधायकों को 25 से 50 करोड़ रुपए और पद दिए जाने का ऑफर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बात करने वालों का पता नहीं है कि मप्र के विधायकों का अपना सम्मान है। तोमर के इस खुलासे से सियासी पारा चढ़ गया था, जिसकी झलक मुख्यमंत्री द्वारा कांग्रेस विधायकों की बुलाई गई बैठक में भी दिखाई दी। उल्लेखनीय है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं द्वारा विधायकों के संपर्क में होने का दावा किया जा रहा है।

भार्गव ने कहा कि जहां तक मुख्यमंत्री का आरोप है कि भाजपा विधायकों को पैसे और पद का प्रलोभन दे रही है तो इस तरह की कहीं भी कोई बात नहीं है। कांग्रेस में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया में इतनी अर्तकलह है कि अभी नहीं तो आगे सरकार खुद अपने बोझ से गिर जाएगी।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के पक्ष में नहीं हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को साफ कह दिया है कि अभी ऐसी कोई आवश्यकता नहीं है कि सत्र बुलाया जाए। आपको नियमित बजट सत्र में ही अपने मुद्दे उठाने चाहिए। राज्यपाल के रुख से साफ है कि विधानसभा का सत्र फिलहाल नहीं होगा। जुलाई के पहले सप्ताह में विधानसभा का बजट सत्र होना संभावित है। उधर, भार्गव का कहना है कि पत्र लिखने के बाद उनकी राज्यपाल से चर्चा हुई। चर्चा में राज्यपाल ने कहा है कि इस बारे में जो भी वैधानिक कार्यवाही होगी, वह की जाएगी।

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