मतगणना के शुरू होने में बस कुछ ही घंटे बाकी हैं. 23 मई को देशभर में वोटों की गिनती होगी, उससे पहले पूरे देश में जहां-जहां स्ट्रॉन्ग रूम हैं, वहां सुरक्षा चाक चौबंद हैं. सभी दल ईवीएम पर नज़र गड़ाए हुए हैं. भोपाल में तो समय काटने के लिए बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर अंताक्षरी हो रही है. मुस्लिम कार्यकर्ता स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर ही अपना रोजा खोल रहे हैं.
भोपाल में स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर गजब नजारा देखने को मिला. यहां कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ता साथ साथ बैठे नजर आए. दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच अंताक्षरी शुरू हो गई. अगर आपके मन में सवाल है कि ये अंताक्षरी आखिर हो क्यों रही है तो जान लीजिए कि इस अंताक्षरी को खेलने के पीछे का असल मकसद है स्ट्रॉन्ग रूम की पहरेदारी के साथ-साथ समय बिताना. दोनों दलों के कार्यकर्ता स्ट्रॉन्ग रूम की निगरानी के लिए बैठे हैं और अंताक्षरी खेलकर ही समय काट रहे हैं
ईवीएम को लेकर पूरे देश में महाभारत छिड़ी हुई है. ईवीएम की सुरक्षा पर विपक्ष सवाल उठा रहा है. ऐसे में हर किसी की नजर ईवीएम पर लगी हुई है. विपक्ष को डर है कि ईवीएम से छेड़छाड़ ना हो जाए. इसके चलते भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह पुरानी जेल परिसर में ईवीएम की सुरक्षा का जायजा लेने पहुंचे. उनके साथ पत्नी अमृता सिंह भी मौजूद थीं. वो करीब 20 मिनट स्ट्रॉन्ग रूम में रहे और वापस चले गए.
यूपी में भी ऐसा ही नजारा दिखा. उत्तर प्रदेश के मेरठ में महागठबंधन के कार्यकर्ता चौबीसों घंटे ईवीएम की निगरानी में मुस्तैद दिख रहे हैं. यहां महागठबंधन के प्रत्याशी हाजी याकूब कुरैशी के समर्थक दूरबीन लेकर ईवीएम पर नजरें गड़ाए हुए हैं. इसी तरह चंदौली में भी स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर सुरक्षा चाक चौबंद है, लेकिन महागठबंधन के प्रत्याशियों का ईवीएम पर शक गहरा है, लिहाजा उनका वह सख्त पहरा दे रहे हैं. गोंडा में भी स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था है, मगर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता चारों पहर नजर रख रहे हैं.पंजाब के संगरूर में भी आम आदमी पार्टी और उसके विरोधी पक्ष के नेता हरपाल चीमा के कार्यकर्ता भी ईवीएम की पहरेदारी में दिन-रात एक कर रहे हैं. ईवीएम सेंटर के बाहर कार्यकर्ताओं ने टेंट लगा लिया है और उनके दिन-रात काउंटिंग सेंटर के बाहर ही कट रहे हैं.
दरअसल, 23 मई की सुबह मालूम चलेगा कि इस देश की जनता ने, देश का सियासी भाग्य विधाता किसे बनाया है, मगर परिणाम से पहले ही ईवीएम को लेकर घमासान मचा हुआ है. विपक्ष कह रहा है कि ईवीएम को बदलने की कोशिशें की जा रही हैं. कई जगहों पर बवाल भी हुआ. इसके बाद देश के 4 हजार से अधिक स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर तमाम पार्टी के कार्यकर्ता पहरेदारी कर रही है