नींद न आने को इंसोमनिया कहते हैं. यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति को कुछ समस्याओं जैसे नींद न आना, रात के समय अक्सर नींद खुल जाना, फिर से नींद न लगना या जल्दी नींद खुल जाना का सामना करना पड़ता है. नींद नहीं आने के लिए आप कई तरह की दवाई भी लेते होंगे. इंसोमनिया के दुष्परिणामों में दिन भर में थकान महसूस करना और चिड़चिड़ापन होना शामिल है.
जब हमारी नींद पूरी नहीं होती तो दिमाग सही तरीके से काम नहीं करता. यह हमारे तर्क, समस्या सुलझाने की क्षमता, सतर्कता, एकाग्रता और ध्यान केन्द्रित करने की क्षमता को प्रभावित करता है. इंसोमनिया के कारण सड़क पर दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं. इंसोमनिया से ग्रसित ड्राइवर्स के कारण सड़क पर कई दुर्घटनाएं भी होती हैं.
इससे याददाश्त में भी कमी आ सकती है. इससे हमारी निर्णय लेने की क्षमता भी क्षीण हो जाती है. इसके कारण डाइबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर, हार्ट अटैक, दिल की बीमारी और दिल की धड़कन का अनियमित होना आदि बीमारियां हो सकती हैं. एक रिरर्च के मुताबिक इंसोमनिया से ग्रसित लोगों की मृत्यु हार्ट अटैक से जल्दी होने का खतरा होता है.
इंसोमनिया के कारण वजन भी बढ़ता है. यह न केवल भूख को उत्तेजित करता है बल्कि इसके कारण कार्बोहाइड्रेट और फैट युक्त आहार लेने की इच्छा बढ़ जाती है. अगर आपको भी लंबे समय से नींद आने में परेशानी हो रही है या फिर आप पूरी तरह से सो नहीं पा रहे हैं तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें. क्योंकि अगर इसका तुरंत इलाज न किया गया तो यह जानलेवा साबित हो सकता है.