बहुचर्चित 250 करोड़ रुपये से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने 22 निजी शिक्षण संस्थानों से छात्रवृत्ति घोटाले में हजारों दस्तावेज इकट्ठा किए हैं। अब इनके सीजर मेमो बनाए जा रहे हैं।
फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में संलिप्त आरोपियों के साइन का मिलान भी होगा। सीबीआई ने बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में शिक्षण संस्थानों में जाकर उनके कंप्यूटरों से हार्ड डिस्कें निकाली हैं। सूत्रों ने बताया कि तकनीकी कर्मचारियों की मदद से निकाली गई इन हार्ड डिस्कों को मौके पर ही पार्सलों में सील कर दिया। यह कार्रवाई गवाहों की उपस्थिति में की, जिससे कि टेंपरिंग जैसी कोई बात न हो। अब ये पार्सल सीबीआई के मालखाने में रखे गए हैं।
इन्हें जल्द ही हैदराबाद, दिल्ली, चंडीगढ़ आदि की प्रयोगशालाओं को भेजा जा रहा है। इन प्रयोगशालाओं से इनकी जांच जल्द करने का भी अनुरोध किया जाएगा, जिससे जांच गति पकड़े।आने वाले दिनों में सीबीआई पूछताछ का सिलसिला आगे बढ़ाएगी। पिछले दिनों बैंक कर्मियों और कुछ गवाहों को शिमला बुलाकर पूछा जा चुका है। अब इन संस्थानों से जुड़े लोगों को भी बुलाने की तैयारी है।
पिछले कुछ सालों में हिमाचल के आरक्षित वर्गों के विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति पर एक बड़ा घोटाला हुआ है। विद्यार्थियों को दी जाने वाली सब्सिडी कई संस्थान खुद ही हड़प गए। यह मामला उजागर हुआ तो जयराम सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को दी। अब सीबीआई की शिमला शाखा ने इस पर मामला दर्ज किया है। सीबीआई 22 शिक्षण संस्थानों पर सर्च रेड भी कर चुकी है।