लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से मुलाकात करने पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों नेताओं से आशीर्वाद दिया. इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी उनके साथ थे. पहले दोनों ने लाल कृष्ण आडवाणी से मुलाकात की, फिर इसके बाद मुरली मनोहर जोशी के घर गए. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद मुरली मनोहर जोशी ने कहा, ‘हमने पार्टी बनाई, नींव का पत्थर रखा, जो पेड़ लगाया था उसमें अब फल लग रहे हैं. अब उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है. एक बात साफ है कि देश के पास विकल्प था. मजबूत सरकार बनाने के लिए बीजेपी और मोदी के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था. विपक्ष कथा नहीं लिख पाया. मेरी सिर्फ एक ही उम्मीद है कि पार्टी अपनी क्षमताओं का सर्वोत्तम उपयोग करते हुए काम करके दिखाएगी.’
साथ ही जोशी ने कहा, ‘पीएम मेरे घर पर कई महीनों तक रह चुके हैं, 15 मिनट की बात तो छोड़ ही दीजिए.’वहीं लाल कृष्ण आडवाणी से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा, ‘बीजेपी की यह शानदार जीत इसलिए संभव हुई है क्योंकि आडवाणी जैसी महान शख्सियत ने दशकों तक पार्टी को खड़ा किया और लोगों को एक नया नरेटिव दिया.’ वहीं पीएम ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की तारीफ करते हुए कहा, ‘डॉ मुरली मनोहर जोशी स्कॉलर और बुद्धिमान हैं. भारतीय शिक्षा पद्धति में उनका योगदान अविस्मरणीय है. उन्होंने बीजेपी और कई कार्यकर्ताओं को मजबूत बनाने के लिए काम किया. इन कार्यकर्ताओं में मैं भी शामिल हूं. उनसे सुबह मुलाकात की और उनकी दुआ मांगी.’
गौरतलब है कि देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘प्रचंड लहर’ पर सवार भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रवाद, हिंदू गौरव और ‘नये भारत’ के मुद्दों पर लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करके लगातार दूसरी बार केंद्र में सरकार बनाने जा रही है. चुनाव आयोग से मिल रहे नतीजों के मुताबिक बीजेपी अब तक 290 सीटें जीत चुकी है और 13 सीटों पर आगे चल रही है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 282 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल उसके सहयोगी लगभग 350 सीटों पर जीत हासिल करते हुए दिख रहे है. एनडीए ने पिछले लोकसभा चुनाव में 336 सीटों पर विजय हासिल की थी.
जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद मोदी देश के तीसरे और पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं जो लोकसभा में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनायेंगे. इसके साथ ही उन्होंने दूसरी बार इस धारणा को तोड़ दिया है कि केन्द्र की सत्ता में अब गठबंधन का दौर शायद ही खत्म हो.