हिमाचल के जांबाजों ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर पहुंचकर वहां तिरंगा फहराया। इसमें सिरमौर जिले के एनएसजी में ब्लैक कैट कमांडो विवेक भी शामिल हैं। सिरमौर के विवेक, बिलासपुर के अनूप और लाहौल-स्पीति के महेंद्र ने दो दिन पहले ही विश्व की सबसे ऊंची चोटी को फतेह किया है।एनएसजी के 12 ब्लैक कमांडो समेत सोलह सदस्यीय टीम के साथ सूबे के इन तीनों जवानों ने 19 मई को चढ़ाई शुरू की और 22 मई को सुबह साढ़े पांच बजे एवरेस्ट पर पहुंच गए
शुक्रवार को बेस कैंप में टीम वापस पहुंच गई। इससे पहले 30 मार्च को भारत सरकार के गृह सचिव राजीव गोबा ने पूरी टीम को राष्ट्रीय ध्वज दिखाकर दिल्ली से रवाना किया था। टीम में 4 सदस्यों में टेक्नीशियन, फिजीशियन और डॉक्टर शामिल थे। 8848 मीटर की ऊंचाई का यह सफर दो माह में पूरा किया जाना थालेफ्टिनेंट कर्नल जय प्रकाश कुमार के नेतृत्व में 16 कमांडो का दल रवाना हुआ था। विवेक ठाकुर ने वर्ष 2012 में पैरा मिलिट्री फोर्स में बतौर सब इंस्पेक्टर ज्वाइन किया था।
वर्ष 2015 में उन्हें एनएसजी में ब्लैक कैट कमांडो के पद पर प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया। जहां से उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का लक्ष्य निर्धारित किया। विवेक की पत्नी प्रियंका ने पति के एवरेस्ट फतह करने पर खुशी जाहिर की है। वहीं, भाई कुलदीप भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। खालाक्यार पंचायत की प्रधान नीलम चौहान ने विवेक ठाकुर को बधाई दी है। हालांकि, विवेक सिरमौर में कुछ दिनों के बाद आएंगे। उन्होंने बताया कि एवरेस्ट फतह कर वह बेस कैंप में पहुंच गए हैं। इसके बाद यह टीम दिल्ली रवाना होगी। उसकी जीत से सिरमौर में खुशी का माहौल है।