केंद्र सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से बेहद संवेदनशील माने जाने वाले हिमाचल प्रदेश के लिए नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की एक बटालियन की तैनाती के आदेश दिए हैं। आपदा की स्थिति में तत्काल राहत अभियान चलाने वाली एनडीआरएफ की इस बटालियन में आईटीबीपी के जवान तैनात होंगे।
हिमाचल में प्राकृतिक आपदा आने पर पड़ोसी राज्यों पंजाब से बटालियन आती है। यहां की भौगोलिक स्थिति से पार पाना इतना आसान नहीं होता है। इसलिए सूबे के लिए एनडीआरएफ बटालियन की पिछले लंबे समय से प्रदेश सरकार केंद्र से मांग कर रही थी। हिमाचल के अलावा जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भी बटालियनें तैनात होंगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि म्यांमार सीमा की सुरक्षा करने वाली असम राइफल्स से जम्मू कश्मीर, हिमाचल व उत्तराखंड के लिए इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए तैनात बटालियन में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान शामिल होंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, नई एनडीआरएफ बटालियनों के संचालन के लिए जमीन अधिग्रहित करने का काम शुरू कर दिया गया है। चार नई एनडीआरएफ बटालियनों के गठन की मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले साल अगस्त में दी थी। इन बटालियनों के गठन पर करीब 637 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
देश में अभी एनडीआरएफ की 12 बटालियन काम कर रही हैं। एक बटालियन में 1000 जवान और अधिकारी होते हैं, जिन्हें विभिन्न केंद्रीय सुरक्षा बलों से डेपुटेशन पर एनडीआरएफ में भेजा जाता है। इन जवानों के वेतन आदि की जिम्मेदारी केंद्रीय सुरक्षा बल की ही होती है। चार बटालियन और जुड़ने के बाद इनकी संख्या 16 हो जाएगी।
एनसीआर (गाजियाबाद), उत्तर प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश