भोपाल। यदि आप नए सत्र में किसी शैक्षणिक संस्थान में एडमिशन ले रहे तो आपके लिए अच्छी खबर है। यदि आपके साथ कॉलेज या यूनिवर्सिटी कैंपस में किसी तरह का भेदभाव या जेंडर कमेंट्स होते हैं, तो इसकी शिकायत आपको उस संस्थान के जेंडर चैंपियन से करनी होगी। इसमें वह आपकी पूरी मदद करेंगे।
इसके अलावा उस शैक्षणिक संस्थान से किसी एक छात्र-छात्रा को जेंडर चैंपियन के रूप में चुना जाएगा। जो कैंपस में भेदभाव और जेंडर से संबंधित प्रकरणों का निरीक्षण करेगा। इसका फायदा उन स्टूडेंट्स को होगा, जो नए सत्र में एडमिशन लेंगे और जिनके साथ कैंपस में ही सीनियर्स या उनके बैच मेट्स जाति, लिंग और धर्म के नाम पर परेशान या छींटाकशी करते हैं। इससे ऐसी घटनाओं का शिकार छात्र-छात्राओं को न केवल मदद मिलेगी, बल्कि इस तरह की गतिविधियों की कैंपस में रोकथाम हो सकेगी।
सभी शैक्षणिक संस्थानों को यूजीसी के निर्देशानुसार आतरिक शिकायत कमेटी और स्पेशल सेल का गठन करना होगा। इसमें ऐसे मामले देखे जाएंगे जो जेंडर वायलेंस से जुड़े होंगे। इसमें सभी कॉलेजाें को एनुअल फॉर्म भरना होगा। जिसमें उन्हें कैंपस में होने वाले प्रकरणों के बारे में बताना होगा। इसमें सालभर में सेक्सुअल हरेसमेंट के प्रकरणों की संख्या बतानी होगी। ।
यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी को यह निर्देश दिए हैं कि वह अपने यहां जेंडर सेंसिटिविटी को देखते हुए जेंडर चैंपियन बनाए और तत्परता के साथ जेंडर के नाम पर होने वाली घटनाओं का निरीक्षण करें। इससे नए छात्र-छात्राओं को यूनिवर्सिटी या किसी शैक्षणिक संस्थान के कैंपस में डर न सताएं और वह फ्री होकर बिना किसी डर के क्लास ले पाएं। ऐसा करने से कैंपस का माहौल भयमुक्त बनेगा।