भोपाल . लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस विधायक दल की रविवार को हुई बैठक में सरकार की स्थिरता को लेकर चिंतन हुआ। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधायकों के साथ भाजपा के ‘अल्पमत की सरकार’ के आरोपों पर चर्चा की। उन्होंने दो टूक कहा कि सरकार को कभी लंगड़ी-लूली तो कभी अल्पमत में बताया जा रहा है। आप लोगों ने मुझे विधायक दल का नेता चुना, मुख्यमंत्री बनाया, अब आप ही निर्णय करें कि क्या मैं चेयर छोड़ दूं। झूठी सूचनाओं पर आधारित वीडियो, आडियो सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे हैं। इनसे सावधान रहें और दूसरों को भी सावधान रखें।
इस पर निर्दलीय, सपा, बसपा और कांग्रेस के सभी विधायकों ने एकजुट होकर कहा कि हमें आप पर भरोसा है। आप चाहें तो विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करा लें। राज्यपाल के यहां परेड के लिए भी हम तैयार हैं। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया और छिंदवाड़ा लोकसभा से प्रदेश के इकलौते सांसद नकुल नाथ भी शामिल हुए।
आरिफ मसूद, हरदीप सिंह डंग, कुणाल चौधरी मंच के करीब पहुंचे। कहा- हम टेस्ट के लिए तैयार हैं। बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह, रामबाई और सपा विधायक राजेश शुक्ला बोले- सरकार पर भरोसा है। पूरे पांच साल चलेगी। सुरेंद्र सिंह ठाकुर, केदार डाबर भी सीएम से मंच के पास जाकर बोले- हमारा समर्थन जारी रहेगा। सरकार में तीस से ज्यादा विधायक आदिवासी वर्ग से हैं और सरकार भी इन्हीं विधायकों के दम पर टिकी है। फिर भी मंत्रिमंडल में इन्हें तवज्जो नहीं दी गई। अधिकारी विधायकों को सम्मान नहीं देते, ठीक व्यवहार नहीं करते। उन्हें निर्देश दें कि वे विधायकों का सम्मान करें।
बैठक में कुछ विधायकों ने लोकसभा चुनाव की हार की समीक्षा करने और ग्वालियर-चंबल में भाजपा के बागियों को कांग्रेस में शामिल किए जाने से हुए नुकसान का मुद्दा उठाया। इस पर सीएम ने कहा- इन मुद्दों पर बाद में बात करेंगे। हार की समीक्षा के लिए बैठक बुलाएंगे और विधायकों से तभी सुझाव लेंगे। हार-जीत लगी रहती है। इससे पहले सुबह कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक में भी सरकार की स्थिरता को लेकर चल रही खबरों का मुद्दा उठा तो मंत्रियों ने सीएम को भरोसा दिलाया कि सरकार स्थिर रहेगी। चाहें तो फ्लोर टेस्ट करवा लें। मंत्रियों ने सुझाव दिया कि पिछले 15 साल में हुए घोटालों की जांच कराई जाए। ई-टेंडर, माखनलाल यूनिवर्सिटी, सिंहस्थ और व्यापमं की जांच तेज करें।