भोपाल। स्वच्छ भारत मिशन के टारगेट में पिछड़ने से नाराज नगर निगम आयुक्त बी विजय दत्ता ने अपर आयुक्त मयंक वर्मा को हटा कर उनके स्थान पर अपर आयुक्त राजेश राठौर को यह जिम्मेदारी दे दी। नगरीय प्रशासन विभाग के संयुक्त संचालक मयंक वर्मा को मार्च के पहले सप्ताह में नगर निगम भेजा गया था। तभी से वे स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी थे। ढाई महीने में वर्मा डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था दुरुस्त नहीं कर पाए। ट्रांसफर स्टेशनों को चालू करने में भी निगम पिछड़ गया।
अलग-अलग जोन की समीक्षा और रोजाना सुबह भ्रमण के दौरान निगमायुक्त को जगह- जगह गंदगी के ढेर तो मिले ही स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की कई अन्य खामियां भी उजागर हुईं। नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने भोपाल को स्वच्छ सर्वे-2020 में देश में अव्वल आने का टारगेट दिया है।
इसके लिए हर तीन महीने का एक प्रोग्राम मिशन-2020 तैयार किया गया है। पिछले दिनों समीक्षा में उन्होंने भोपाल के पिछड़ने पर नाराजगी जताई थी। आज की स्थिति यह है कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए न तो रूट तैयार हो पाए हैं और न सेग्रीगेशन के हिसाब से गाड़ियों को मोडिफाई किया जा सका है। आचार संहिता के दौरान इन कार्यों पर कोई रोक भी नहीं थी।
दत्ता ने सोमवार को आचार संहिता समाप्त होते ही पहला आदेश वर्मा के स्थान पर अपर आयुक्त राजेश राठौर को स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपने का जारी किया। फरवरी में निगम में पदस्थापना से पहले राठौर मुख्य सचिव कार्यालय में ओएसडी थे। वे होशंगाबाद के डिप्टी कलेक्टर भी रहे हैं। फिलहाल वे बीसीएलएल के एडिशनल सीईओ के साथ होर्डिंग, पार्किंग और फायर ब्रिगेड के प्रभारी हैं। निगमायुक्त ने नाराजगी जैसी बात से इनकार करते हुए कहा कि केवल कामकाज का रैशनलाइजेशन किया गया है। अभी कुछ और बदलाव होंगे। वर्मा और राठौर ने इसे सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया बताया।