मध्य प्रदेश में आचार संहिता हटने के दूसरे दिन सोमवार को हुए 6 प्रमुख सचिव और 15 आईएएस के ट्रांसफर पर राजनीति शुरू हो गई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने ट्वीट कर कहा है कि ’26 मई को चुनाव आयोग ने जैसे ही आचार संहिता हटाई 27 मई को प्रदेश सरकार तबादला उद्योग शुरू कर देती है। मध्यप्रदेश में तबादला उद्योग फिर से चालू हो गया
दरअसल चुनाव आयोग ने 26 मई की शाम को ही आचार सहिंता हटाई थी। इसके बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने 27 मई की शाम 6 प्रमुख सचिव और 15 आईएएस के ट्रांसफर कर दिए। इनमें वे अफसर भी शामिल हैं, जिन्हें निर्वाचन आयोग ने हटाया था। इन अफसरों को फिर से उसी स्थाप पर पदस्थ कर दिया गया जहां वे पहले पदस्थ थे। प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस की करकार बनने के बाद प्रदेश में बड़े पैमाने पर ट्रांसफर हुए थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन तबादलों का विरोध करते हुए इनमें बड़े पैमाने पर लेनदेन का आरोप कांग्रेस सरकार पर लगाया था। भाजपा नेताओं के इन आरोपों पर मुख्यमंत्री ने इसे सामान्य प्रक्रिया बताया था। गोपाल भार्गव द्वारा लगाए गए ताजा आरोपों पर प्रदेश सरकार में सामान्य प्रशासन मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि ये सामान्य प्रक्रिया है। सरकार के कामकाज के बेहतर संचालन के लिए ट्रांसफर किए गए हैं।