मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के दो नवनियुक्त जजों जस्टिस विशाल धगट और जस्टिस विशाल मिश्रा ने शपथ ली। सोमवार को हाईकोर्ट के साउथ ब्लॉक में एक गरिमामय समारोह में चीफ जस्टिस एसके सेठ ने दोनों नए जजों को शपथ दिलाई। सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने 11 मई को उक्त नामों की सिफारिश केन्द्रीय कानून मंत्रालय को भेजी थी। केन्द्र सरकार ने राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 22 मई को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
मप्र हाईकोर्ट में जजों के 53 पद स्वीकृत हैं। दो जजों की नियुक्ति के बाद अब कार्यरत जजों की संख्या 34 हो गई है। अभी भी हाईकोर्ट में जजों के 19 पद रिक्त हैं। शपथ ग्रहण समारोह में जस्टिस धगट ने कहा कि वे संविधान में निहित प्रावधानों के तहत अपना कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि वे किसी के भी प्रभाव में आए बिना अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का पूरा प्रयास करेंगे।
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि आज न्यायपालिका के सामने बहुत सी चुनौतियां हैं, जिनका समाधान करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका से जुड़े सभी लोगों की यह जिम्मेदारी है कि वे इन चुनौतियों का सामना करने और उन पर विजय पाने में अपना अमूल्य योगदान दें। इस अवसर पर प्रभारी महाधिवक्ता शशांक शेखर, स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष शिवेन्द्र उपाध्याय, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमन पटेल ने भी नवनियुक्त जजों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
वर्ष 1969 में आसाम में जन्मे जस्टिस विशाल धगट ने दिल्ली में रहकर स्कूली और स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने सागर के हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय से विधि की पढ़ाई की। वर्ष 1999 से जबलपुर हाईकोर्ट में प्रेक्टिस शुरू की। धगट को सिविल, क्रिमिनल, संवैधानिक, रेवेन्यू, बैंकिंग आदि मामलों में विशेष महारथ हासिल है। उन्होंने डेढ़ साल तक महाधिवक्ता कार्यालय में शासकीय अधिवक्ता के रूप में भी सेवाएं दी हैं।
वर्ष 1974 में ग्वालियर में जन्में जस्टिस विशाल मिश्रा के पिता हरगोविंद दास मिश्रा भी हाईकोर्ट जज थे। ग्वालियर से ही विधि की पढ़ाई के बाद वर्ष 2000 में प्रेक्टिस शुरू की। जस्टिस मिश्रा को सिविल और सेवा के मामलों में विशेष महारथ हासिल है। उन्होंने शासकीय अधिवक्ता, उप महाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में महाधिवक्ता कार्यालय में भी अपनी सेवाएं दी हैं।