विक्की डोनर, बधाई हो, अंधाधुन जैसी सुपरहिट फिल्मों में अलग तरह के किरदार निभाकर मशहूर हुए आयुष्मान खुराना अब एक बार फिर आर्टिकल 15 के साथ नया धमाका करने जा रहे हैं. इस बार आयुष्मान एक ऐसी फिल्म में नजर आएंगे जो समानता के अधिकार की बात करती है. इस का टाइटल है आर्टिकल 15. इस फिल्म का ट्रेलर जल्द रिलीज होने वाला है, लेकिन उसके पहले आयुष्मान खुराना एक प्रोमो में कहते नजर आ रहे हैं कि ट्रेलर देखने की आपकी औकात नहीं है.
फिल्म आर्टिकल 15 के 43 सेकेंड के प्रोमो वीडियो की शुरुआत होती है एक ट्रेलर से, जिसमें एक्टर जिशानी कादरी की आवाज सुनाई पड़ती है. वो कहते हैं- इन्हें मैं और तुम कभी दिखाई नहीं देते हैं. कभी हरिजन हो जाते हैं कभी बहुजन हो जाते हैं, बस जन नहीं बन पाते हैं. इतना सुनने के बाद ही ट्रेलर रुक जाता है और सामने आते हैं वर्दी पहने हुए आयुष्मान खुराना. जो कहते हैं, आपकी औकात आपको ये ट्रेलर देखने की अनुमति नहीं देती है…दरअसल, जिस सब्जेक्ट पर फिल्म की कहानी आधारित है आयुष्मान उसे समझाने की कोशिश करते नजर आते हैं. आयुष्मान आगे कहते भी हैं कि “इस भेदभाव से बुरा लगा न. भारत की करोड़ों नीची जाति के लोगों को ऐसा एहसास हर रोज होता है. आपको तो बस आज उसका ट्रेलर दिखाना है.”
आयुष्मान के पंचफुल डायलाग के साथ ट्रेलर के जल्द आने की जानकारी दी जाती है. प्रोमो को देखकर ये कहा जा सकता है कि ट्रेलर बहुत दमदार होने वाला है और फिल्म धमाकेदार.आयुष्मान खुराना पहली बार किसी फिल्म में पुलिस कॉप का किरदार निभाते नजर आएंगे.बता दें आयुष्मान खुराना की फिल्म आर्टिकल 15 सच्ची घटना पर आधारित है. रिपोर्ट के मुताबिक चार सत्य घटनाओं पर रिसर्च करने के बाद इस फिल्म को बनाया गया है. इस फिल्म को मुल्क के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने डायरेक्ट किया है.
भारतीय संविधान का आर्टिकल 15 भारत के नागरिकों को समता का अधिकार देने की बात करता है. इस आर्टिकल के तहत भारतीय नागरिकों से धर्म, जाति, लिंक और जन्मस्थान के आधार पर किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जा सकता. यह आर्टिकल सभी नागरिकों को दुकानों, पब्लिक रेस्टोरेंट्स, होटलों और सभी अन्य पब्लिक प्लेसेज पर जाने की अनुमति प्रदान करता है.