Home हिमाचल प्रदेश सुक्खू का पत्र व्यक्तिगत पार्टी से लेना देना नहीं – राठौर…

सुक्खू का पत्र व्यक्तिगत पार्टी से लेना देना नहीं – राठौर…

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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे को वापस लेने के लिए प्रदेश कांग्रेस में अंदरूनी जंग छिड़ गई है। इस मसले पर प्रस्ताव पारित करने के लिए जहां प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक बुधवार को हुई। दूसरी तरफ पूर्व अध्यक्ष सुखविंद्र सुक्खू ने कुछ अन्य नेताओं के नाम के साथ इस आशय का पत्र बीते दिन ही हाईकमान को भेज दिया था। लिहाजा इस मामले में बुधवार को हुई बैठक में भी चर्चा चली रही और सुक्खू के पत्र में लिखे कुछ नेताओं के नाम पर उन लोगों ने बैठक में भी आपत्ति दर्ज की।

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने इसे सुक्खू का व्यक्तिगत पत्र बताया। उनका कहना था कि इसे लेकर सुक्खू से बात हुई है, लेकिन यह आज की चर्चा का विषय नहीं। उन्होंने बताया कि बैठक के जरिए सिंगल लाइन प्रस्ताव पारित किया गया है कि राहुल गांधी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा वापस लें। उन्होंने बताया कि पार्टी की बैठक में सर्वसम्मति से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से दिए त्यागपत्र को पार्टी व देश हित में वापस लेने की मांग की गई। इस संदर्भ में प्रदेश कांग्रेस ने एक प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस कार्य समिति को भेजा है।

राठौर ने प्रदेश कार्यकारिणी में प्रस्ताव रखा कि हाल ही के लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार से हमें किसी भी प्रकार से हतोत्साहित होने की जरुरत नहीं है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में जिस प्रकार चुनाव प्रचार किया, उसमें कोई कमी नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह समय हमें एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का नहीं है, बल्कि कांग्रेस पार्टी की मजबूती के लिए एकजुट होकर काम करने का है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हार के कारणों पर बाद में अलग से बैठक की जाएगी और जरुरत पड़ी तो संगठन में बदलाव भी होगा। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि कांग्रेस अपने प्रमुख गढ़ों में भी हारी है, जिस पर बाद में मंथन किया जाएगा।

बैठक में वरिष्ठ कांग्रेस नेता चंद्र कुमार, हर्ष महाजन, कंवर अजय बहादुर, विक्रमादित्य सिंह, इंद्रदत्त लखनपाल, विनय कुमार, मोहन लाल ब्राक्टा, रजनीश किमटा, केहर सिंह खाची, महेंद्र चौहान, केवल पठानिया, संजय अवस्थी, नरेश चौहान, डा. वीरू राम, मेहश्वर चौहान, लखविंद्र राणा, कुलदीप पठानिया, सोनिया चौहान, नसीमा बेगम, शर्मिला पटियाल, नमिता रोशनलाल, राहुल ठाकुर, राम कुमार व अन्य नेता शामिल रहे।

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी ने भाजपा के एजेंट की तरह काम किया। उन्होंने चुनाव में ईवीएम पर सवाल उठाते हुए इसमें घोटाले का संदेह जताया और कहा कि इस दौरान चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली भी सही नहीं रही। मशीनों में हेराफेरी की आशंका है। वीरभद्र ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सरकार एवं भाजपा हमसे कहीं अधिक आर्थिक संपन्न थी और वोट लेने के लिए जमकर पैसा बांटा गया। यह देश के साथ धोखा है, सरकार ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया, कई किस्म के हथकंडे अपनाए गए।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि यह समय हमें अपने लीडर राहुल गांधी को मजबूत करने का है। देश को और पार्टी को राहुल गांधी के नेतृत्व की बहुत जरूरत है, इसलिए वह इस प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन करते हैं। इसी तरह प्रतिपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा का यह एकमात्र प्रयास रहा है कि देश को कांग्रेस मुक्त किया जाए। इसलिए राहुल गांधी को अध्यक्ष पद से हटाने की रणनीति चल रही है, जिसे किसी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा।

कांग्रेस सेवादल की बैठक बुधवार को राजीव भवन शिमला में प्रदेश अध्यक्ष अनुराग शर्मा की अध्यक्षता में हुई। इसमें कांग्रेस सेवादल के जिला प्रभारी, महिला संगठक, यंग ब्रिगेड और सेवा सुरक्षा दल के प्रदेश संयोजकों ने भाग लिया। अनुराग शर्मा ने कहा कि बैठक में जिला प्रभारियों की रिपोर्ट पर लोक सभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की पराजय के कारणों की समीक्षा की गई। इस बैठक में आगामी समय के लिए सेवादल के माध्यम से कांग्रेस पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने पर विस्तार से चर्चा की गई। शर्मा ने बताया कि बैठक में सर्व सहमति से प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से आग्रह किया गया कि कांगे्रस कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरुप पार्टी का नेतृत्व करें।

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