केंद्र की राजनीति में हिमाचल प्रदेश की मौजूदगी आजाद भारत की पहली सरकार से रही है। आजाद भारत की पहली सरकार से लेकर वर्तमान मोदी सरकार तक ज्यादातर सरकारों के दौरान हिमाचल के किसी न किसी सांसद ने मंत्री के रूप में प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। वर्तमान मोदी सरकार में हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर हिमाचल का चेहरा बने हुए हैं। इससे पहले राजकुमारी अमृत कौर से लेकर वीरभद्र सिंह, पंडित सुखराम, शांता कुमार, जेपी नड्डा सरीखे दिग्गज हिमाचल का केंद्र में डंका बजा चुके हैं। 1947 में देश की आजादी के बाद प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में बनी पहली सरकार में हिमाचल की मंडी महासू सीट से सांसद राजकुमारी अमृत कौर स्वास्थ्य मंत्री बनीं थी।
इसके बाद 1976 में प्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेता वीरभद्र सिंह पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्रालय के उपमंत्री बने। इसके बाद वीरभद्र ने 1980 से 1983 के बीच केंद्र सरकार में उद्योग राज्य मंत्री के रूप में हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद कुछ अर्से तक हिमाचल को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली लेकिन मंडी से सांसद बने पंडित सुखराम ने 1993 में प्रदेश के केंद्र सरकार में हिमाचल की हिस्सेदारी की खाली जगह को भरते हुए 1996 तक केंद्रीय दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के पद पर आसीन रहे।
इसके बाद 1999 से 2004 के बीच की पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार वरिष्ठ मंत्री रहे। 2009 में वीरभद्र सिंह को एक बार फिर केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिली और वह केंद्रीय इस्पात मंत्री बने। वहीं, 2014 की नरेंद्र मोदी सरकार में जगत प्रकाश नड्डा ने हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया और इस बार 2019 की सरकार में हमीरपुर से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने बतौर राज्य मंत्री केंद्रीय राजनीति में अपना पहला कदम रख दिया है।