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मोदी सरकार में प्रदेश से चार मंत्री, नरेंद्र तोमर, थावरचंद्र, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह ने ली शपथ…

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दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नरेंद्र मोदी ने आज दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके मंत्रिमंडल में मध्य प्रदेश से चार मंत्री शामिल किए गए हैं। मुरैना से चुनाव जीते नरेंद्र सिंह तोमर और राज्यसभा सदस्य थावरचंद गहलोत ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है। दमोह से सांसद प्रहलाद पटेल को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और मंडला से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को राज्यमंत्री की शपथ दिलाई गई है। लोकसभा चुनाव में मप्र ने भाजपा ने 29 में से 28 सीटें मिली हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद धर्मेंद्र प्रधान को भी मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। धर्मेंद्र प्रधान उड़ीसा के निवासी हैं और राज्यसभा में मप्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।

नरेंद्र सिंह तोमर और थावरचंद गहलोत मोदी के पहले कार्यकाल में भी मंत्री रह चुके हैं। नरेंद्र सिंह के पास ग्रामीण विकास और कोयला मंत्रालय था। वहीं, दमोह से सांसद प्रहलाद पटेल अटल बिहारी वाजपेयी के नेत्तृव में एनडीए सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 16वीं लोकसभा में मप्र से चार मंत्री सुषमा स्वराज, नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत और वीरेंद्र कुमार (राज्यमंत्री) थे।

तोमर इस बार मुरैना से सांसद चुने गए हैं। तोमर का जन्म मुरैना जिले के ओरेठी गांव में 12 जून 1957 को हुआ था। उनके पिता किसान थे। नरेंद्र की स्कूलिंग मुरैना में हुई। इसके बाद कॉलेज की पढ़ाई करने ग्वालियर चले गए। वहां से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। अखिल भारतीय परिषद में शामिल हो गए। फिर कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए।

पहला चुनाव ग्वालियर नगर निगम में पार्षद का लड़ा और जीते। भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। 1998 में ग्वालियर से विधायक चुने गए। 2003 में वो दूसरी बार विधानसभा चुनाव लड़े और जीते फिर प्रदेश सरकार में मंत्री बनाए गए। 2008 में वे मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी रहे।  राज्यसभा सांसद थावरचंद गहलोत को इस बार भी मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिलने जा रही है। पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भी राष्ट्रपति पद के प्रमुख दावेदारों में से एक थे। गहलोत मोदी के पिछले मंत्रिमंडल में भी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रह चुके हैं। वे नागदा के रहने वाले हैं। उनका जन्म 18 मई 1948 को हुआ था। उन्होंने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से स्नातक की डिग्री हासिल की है। गहलोत 1996 से 2009 तक लोकसभा के भी सदस्य रह चुके हैं।

पटेल का जन्म 28 जून 1960 को नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव तहसील में हुआ था। करीब डेढ़ दशक पहले पैदल नर्मदा यात्रा कर चुके हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के नेत्तृव में बनी एनडीए सरकार में पटेल पहली बार मंत्री बने थे। अटलजी ने उन्हें कोयला मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया था। पटेल चार से बार से सांसद हैं। 2019 का चुनाव उन्होंने दमोह लोकसभा क्षेत्र से जीता है। 1999 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मध्य प्रदेश के बालाघाट से लोकसभा का चुनाव जीता था। वे पेशे से अधिवक्ता हैं। वे असंगठित मजदूर संघ’ के अध्यक्ष तथा बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं। मंडला लोकसभा सीट से छठी मर्तबा जीते फग्‍गनसिंह कुलस्‍ते को इस बार फि‍र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में जगह मिलने जा रही है। वे पहले भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। कुलस्‍ते पार्टी का सबसे बड़ा आदिवासी चेहरा माने जाते हैं। मंडला चुनाव में भाजपा के फग्गन सिंह कुलस्ते ने कांग्रेस के कमल मरावी को 97 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है।

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