राजधानी की सीबीआई की एक विशेष अदालत ने मिलिट्री के जूनियर इंजीनियर विजय कुमार शर्मा को आय से अधिक संपत्ति के मामले में 4 साल के कठोर कारावास और एक करोड़ रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
गुरुवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश आलोक अवस्थी ने फैसला सुनाया। इस मामले में सीबीआई की ओर से पैरवी करने वाले लोक अभियोजक कमालूद्दीन ने बताया कि आरोपी ने अपने आय से अधिक संपत्ति के मामले में बचाव के लिए कुछ फ़र्ज़ी दस्तावेज़ जोकि कूट रचित थे उन्हें अपने बचाव में अदालत में पेश किया था।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश आलोक अवस्थी ने मामलों में गवाहों के बयान और साक्ष्य के आधार पर यह पाया कि आरोपी द्वारा अपने बचाव में कूटरचित दस्तावेज़ तैयार कर दस्तावेज़ न्यायालय में पेश कर अपना बचाव किया गया हैइस मामले में आरोपी को दोषी मानते हुए अदालत ने भारतीय दंड विधान की धारा 467 के तहत भी उसे गंभीर अपराध मानते हुए चार साल की जेल की सजा सुनाई है।
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक कमालूद्दीन ने बताया कि आरोपी विजय कुमार शर्मा मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज बैरागढ में जूनियर इंजीनियर के पद पर पदस्थ रहने के दौरान 1 जनवरी 1999 से 14 अगस्त 2012 की अवधि में स्वयं के ज्ञात श्रोतों से रूपये 97 लाख 35 हज़ार रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की जिसका समाधानप्रद स्पष्टीकरण अभियुक्त के द्वारा नहीं दिया जा सका। जिस पर सीबीआई न्यायाधीश ने अभियुक्त को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया।
सीबीआई की विशेष अदालत से विजय कुमार शर्मा को पहले भी सज़ा सुनाई जा चुकी है। बता दें कि इससे पहले भी 3 मार्च 2016 को रिश्वतख़ोरी के मामले में अब विजय कुमार शर्मा को सीबीआई के न्यायालय के द्वारा 3 वर्ष का कठोर कारावास और जुर्माने से भी दण्डित किया जा चुका है।