प्रचंड गर्मी और तीव्र लू की चपेट में आया प्रदेश भट्टी की तरह तप रहा है। नौतपा के छठे दिन खजुराहो में तापमान 47.5 तथा ग्वालियर और नौगांव 47.2 डिग्री पर पहुंच गया। ग्वालियर में ऐसा 72 साल बाद हुआ है, जब ग्वालियर मई में सबसे गर्म रहा। इसके साथ ही गुरुवार को प्रदेश के 10 शहरों में तापमान 45 डिग्री से ज्यादा दर्ज किया गया।
दिन इतने ज्यादा तपने से रात में भी भी चैन नहीं मिल रहा है। भोपाल में गुरुवार की रात का न्यूनतम तापमान सीजन सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया गया, यहां पर 31.4 डिग्री तापमान रहा, ये सामान्य से 4 डिग्री ज्यादा है। इससे ज्यादा न्यूनतम तापमान ग्वालियर और राजगढ़ में दर्ज किया गया। राजगढ़ में 32.2 और ग्वालियर में 32.5 डिग्री दर्ज किया। वहीं राजधानी में तापमान लगातार दूसरे दिन भी 44 डिग्री के पार (44.1) डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
ग्वालियर के साथ ही खजुराहो में भी पारा 47 के पार
ग्वालियर का अधिकतम तापमान 47.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इससे पहले 30 मई 1947 को ग्वालियर का अधिकतम तापमान 48.3 डिग्री रिकॉर्ड हुआ था। वहीं खजुराहो में अधिकतम तापमान 47.5 और नौगांव में 47.2 दर्ज किया गया।
इतना ही नहीं अंचल में ग्वालियर के बाद दतिया, मुरैना, श्योपुर, भिंड सबसे गर्म रहे। दतिया का अधिकतम तापमान 46.6 डिग्री, मुरैना का 46.5, श्योपुर का 46 डिग्री व भिंड का 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अब आगे क्या : मौसम विज्ञानी उमाशंकर चौकसे के मुताबिक अगले 24 घंटे के दौरान ग्वालियर-चंबल संभाग लू की चपेट में रहेगा। इसके साथ ही बूंदाबांदी भी हो सकती है।
क्यों बढ़ी गर्मी : ग्वालियर चंबल संभाग में अधिक गर्मी पड़ने का कारण कोई सिस्टम सक्रिय नहीं होना है। इसके साथ ही राजस्थान की ओर से उत्तर-पश्चिमी हवा आ रही है, जिसके चलते तापमान बढ़ा है। हालांकि गुरुवार को स्थानीय प्रभाव के चलते दोपहर 2:30 बजे के बाद बादल भी छाए लेकिन बादल गर्मी से राहत नहीं दिला सके। मौसम विभाग के अनुसार अगले 3 दिन तक गर्मी से राहत की कोई उम्मीद नहीं है।
10 शहरों में तापमान 45 डिग्री पार : तपा के चलते प्रदेश में अगले दो दिन तक भीषण तपन से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। इसके बाद तापमान कम होगा। खरगोन और रीवा 46 डिग्री के अलावा खंडवा, दमोह, रायसेन, शाजापुर, राजगढ़, गुना, उमरिया, सतना, सीधी और टीकमगढ़ समेत 10 शहरों में तापमान 45 डिग्री के पार रिकॉर्ड हुआ।
यहां लू चलने की संभावना : ग्वालियर एवं चंबल संभाग के जिलों, रीवा, सतना, जबलपुर, छिंदवाड़ा, सागर, दमोह, खरगोन, राजगढ़, रायसेन और छतरपुर।
यहां धूलभरी आंधी : नीमच, मंदसौर, शिवपुरी, श्योपुर, ग्वालियर, उमरिया, शहडोल, मंडला और पन्ना जिलों में कहीं-कहीं धूलभरी आंधी चलने के साथ गरज-चमक की स्थिति बन सकती है।
नीति आयोग दे चुका है चेतावनी …
चेन्नई में पानी का संकट गहरा गया है। हालत यह है कि चेन्नई मेट्रो ने एसी बंद कर दिया है। शहर का जलस्तर 70 साल में सबसे नीचे चला गया है। 2018 में नीति आयोग ने चेतावनी दी थी कि यदि चेन्नई की आबादी और प्रदूषण इसी तरह बड़ता गया तो आने वाले कुछ दशकों में यहां ताजे पानी का सोर्स खत्म हो जाएगा।