Home हिमाचल प्रदेश अब लाहौल की वादियां भी निहार सकेंगे सैलानी..

अब लाहौल की वादियां भी निहार सकेंगे सैलानी..

33
0
SHARE

देश-विदेश से सैर सपाटे को पहुंच रहे सैलानियों के लिए एक और राहत की खबर है। अब पर्यटक जनजातीय क्षेत्र लाहौल की बर्फ से लकदक वादियों को भी निहार सकेंगे। इसके लिए सैलानियों को एसडीएम मनाली के कार्यालय से परमिट जारी किए जाएंगे।  पर्यटकों के लिए लाहौल बहाल होने से पर्यटन कारोबारियों में खुशी की लहर है। 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रा से होते हुए सैलानी बेरोक टोक लाहौल के कोकसर से ही बर्फ का दीदार करते हुए जिला मुख्यालय केलांग तक पहुंच सकते हैं।

सफर के दौरान वाहन सड़क के दोनों तरफ 15 से 20 फीट ऊंची बर्फ की दीवार के बीच से गुजरेंगे। जो अपने आप में रोमांचित करना वाला है। 15,500 फीट से अधिक ऊंचाई वाले बारालाचा पास को भी पर्यटक देख सकेंगे। एसडीएम मनाली ने शुक्रवार से रोहतांग से आगे की परमिट की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अनियमितता को रोकने के लिए मनाली प्रशासन ने सख्ती की है। लाहौल आने वाले पर्यटक होटल, होमस्टे और कैंपिंग के बुकिंग बाउचर अथवा सरकारी विश्राम गृह की बुकिंग स्लिप दिखाकर परमिट हासिल कर सकते हैं।

परमिट हासिल करने के लिए वाहन की आरसी, प्रदूषण बोर्ड का सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी जमा करनी होंगे। बारालाचा में अधिक समय तक बर्फ देखने का मौका मिलेगा। उधर, उदयपुर उपमंडल के त्रिलोकीनाथ में बौद्ध और हिंदू समुदाय के भगवान अवलोकितेश्वर के दर्शन कर सकते हैं।  उधर, एसडीएम मनाली अश्वनी कुमार ने बताया कि 31 मई से लाहौल आने वाले सैलानियों के लिए एसडीएम ऑफिस मनाली से परमिट जारी किया जा रहा है। जिन सैलानियों को लाहौल के विभिन्न भागों में खूबसूरत वादियों को निहारने का शौक है तो वे ऑफिस आकर परमिट प्राप्त कर सकते हैं।

लाहौल पहुंचने वाले सैलानियों को शांति मिलेगी। रोहतांग से आगे पर्यटकों को कुल्ती नाला के ग्लेशियर, कोकसर में गुफा के अंदर विद्यमान बौद्ध गोंपा, सिस्सू पहुंचने पर खूबसूरत झील के साथ प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा देखने को मिलेगा। सैलानी पाह लामो धारा की वाटर फाल, शाशीन स्थित लाहौल के अधिपति देवता राजा घेपन, तांदी संगम में चंद्रभागा नदी, चिनाव की धारा, त्रिलोकी नाथ मंदिर, जिला मुख्यालय केलांग के साथ शशुर का दीदार कर सकेंगे।

इसके साथ ही करदंग गोंपा, तोदघाटी में गेमुर गोंपा और जिस्पा फोटंग जहां दलाई लामा की ओर से कालचक्र अभिषेक किया था, का दीदार कर सकेंगे। बारालाचा दर्रा में बिछी बर्फ की चादर का भी आनंद ले सकेंगे। सैलानियों के सैर सपाटे के लिए खुले रोहतांग दर्रे में अब पर्यटक बिना किसी परमिट के बर्फ में मस्ती कर सकेंगे। एचआरटीसी सैलानियों को बड़ी राहत देने जा रहा है। तीन जून से एनजीटी के आदेश पर निगम इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू करने जा रहा है। मनाली बस अड्डे से सुबह सात से आठ बजे के आसपास रोजाना 25 सीटर बस रोहतांग के लिए रवाना होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here