सऊदी अरब से बरेली हज सेवा समिति के सचिव हाजी शराफ़त खान ने जानकारी देते हुए बताया कि मदीने शरीफ़ में ईद के चांद का ऐलान सोमवार को कर दिया गया हैं। सऊदी में चांद देखकर बरेली वालो ने हिंदुस्तान की खुशहाली तरक़्क़ी के लिए दुआ मांगी हैं। इसी तरह मक्का शरीफ़ से हाजी शाहबाज़ खान रोज़ अली ने ईद की मुबारक़बाद पेश की हैं। बरेली हज सेवा समिति के संस्थापक पम्मी खान वारसी ने बताया कि सऊदी अरब में ईद उल फितर की नमाज़ मंगलवार को अदा की गई। अगर हिन्दुस्तान में आज रात चांद दीदार हुआ या शहादत हुई तो कल (बुधवार) को ईद हो सकती हैं।
इस्लामिक कैलेंडर (हिजरी) के अनुसार साल में 2 बार यानि ईद उल फितर और ईद उल अजहा (बकरीद) का त्योहार मनाया जाता है। इस्लाम के 9वें महीने रमजान के 29 या 30 रोजे ( चांद के अनुसार) पूरे होने के बाद चांद देखने के बाद 10वें महीने के पहले दिन ईद मनाई जाती है। इस्लाम धर्म की मान्यता के मुताबिक बद्र के युद्ध में पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब ने फतह हासिल की थी जिसकी खुशी में लोगों ने ईद का त्योहार मनाना शुरू किया।
दुनिया के सभी देशों में चांद देखने के बाद ही ईद का त्योहार मनाया जाता है। क्योंकि इस्लामिक कैलेंडर चांद के मुताबिक बनता है। सभी देशों की ईद में महज एक या दो दिन का अंतर होता है। देशभर के मुस्लिम संगठन, मदरसे संगठन या मस्जिद कमेटियां भी ईद का चांद देखकर तारीख की घोषणा करते हैं।