Home Una Special चिंतपूर्णी के धार क्षेत्र की 14 पंचायतों में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल-बेहाल…

चिंतपूर्णी के धार क्षेत्र की 14 पंचायतों में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल-बेहाल…

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चिंतपूर्णी के धार क्षेत्र की 14 पंचायतों में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल-बेहाल है। इस क्षेत्र की 50 हजार से ज्यादा की आबादी के लिए चितपूर्णी और चंबी के स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा खोले गए स्वास्थ्य उपकेंद्र या तो बंद पड़े हैं या उनमें स्टाफ व दवाओं का अभाव है। स्वास्थ्य उपकेंद्रों के भवनों का निर्माण और उपकरण तक तो उपलब्ध हो गए हैं लेकिन चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के कारण ग्रामीणों के इलाज का सपना सच होता दिखाई नहीं दे रहा है। ग्रामीणों को अपने ही गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए खोले गए स्वास्थ्य उपकेंद्रों की हालत सबसे बदतर है। यहां स्टाफ न होने के कारण कई केंद्रों पर ताला लटका हुआ है। घंगरेट, गिडपुर मलौण, बेहड़-भटेहड़, बधमाणा में पद रिक्त चले हुए हैं। खरोह, धलवाड़ी और चाहबाग में एक पद की कमी है। इन स्वास्थ्य केंद्रों में लंबे समय से दवाओं की सप्लाई भी विभाग द्वारा न के बराबर की जा रही है। वहीं, टीके फ्रीज करने के लिए धर्मशाल महंता और चितपूर्णी में खोले कोल्ड चेन प्वांइट में भी महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों के पद रिक्त हैं।

चिंतपूर्णी में सिविल अस्पताल स्टाफ के अभाव में खुद बीमार दिख रहा है। करोड़ों रुपये भवन पर खर्च करने के बावजूद भी आम जनमानस को चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं क्योंकि लंबे समय से यहां पर स्टाफ की कमी बनी हुई है। अस्पताल में चिकित्सकों के कुल पांच पद स्वीकृत हैं लेकिन तीन पद खाली हैं। एक्सरे तकनीशियन नहीं है। एक रेडियोजोलिस्ट का पद रिक्त है। डेंटल टेक्नीशियन के अलावा एक क्लर्क, दो पद चपरासी, एक स्टाफ नर्स, दो कुक और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद रिक्त है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस अस्पताल की ओपीडी क्यों कम रह रही है। वहीं विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चन्नी देवी में खोले गए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी फार्मासिस्ट और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के अलावा शेष पद अभी तक नहीं भरे गए हैं। दरअसल चितपूर्णी में स्वास्थ्य क्षेत्र में विस्तार समय की आवश्यकता है। यह तभी संभव हो सकता है जब विभाग व सरकार जमीनी स्तर पर काम करें। स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में खंड चिकित्सा अधिकारी अम्ब डॉ. राजीव गर्ग ने माना कि चितपूर्णी अस्पताल और इस क्षेत्र के स्वास्थ्य उपकेन्द्रों में स्टाफ की कमी चली हुई है। बताया कि इस बारे में विभाग के आला अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है।

स्वास्थ्य उपकेंद्र में बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता के दो पद स्वीकृत होते हैं, जिनमें एक पुरुष और एक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पद सृजित हैं। वहीं, इन स्वास्थ्य केंद्रों में 40 से ज्यादा दवाएं मरीजों के उपचार के लिए आती हैं लेकिन इस वक्त अधिकांश स्वास्थ्य केंद्रों में 20 के करीब ही दवाएं उपलब्ध हैं। एंटीबायटिक, चर्म रोग, आंखें, खांसी, जुकाम, अपच, कब्ज और बच्चों से संबंधित रोगों से संबंधित दवाओं का इन स्वास्थ्य केंद्रों में अभाव है।

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