भाेपाल. मरीजाेंं की सुविधा काे देखते हुए राज्य शासन ने सरकारी अस्पतालाें में ओपीडी का समय बदलकर सुबह 9 से शाम 4 बजे तक कर दिया है। बावजूद इसके मरीजाें काे अस्पतालाें में घंटाें तक डाॅक्टराें का इंतजार करना पड़ रहा है। आलम यह है कि जेपी अस्पताल समेत डिस्पेंसरियां में दाेपहर बाद मरीजाें काे इलाज नहीं मिल पा रहा है। डाॅक्टर सुबह 10-11 बजे तक पहुंच रहे हैं।
लंच टाइम दोपहर 1.30 बजे है, लेकिन डाॅक्टर 12-12.30 बजे तक ही उठ जाते हैं। दाेपहर 2.15 बजे लंच खत्म हाे जाता है, लेकिन डाॅक्टर तीन बजे तक नहीं आते हैं। ऐसे में मरीजाें काे दिन-दिन भर इंतजार करना पड़ रहा है। यानी शासन के निर्देशों का भी डॉक्टरों पर असर होता नहीं दिख रहा है। गौरतलब है कि जेपी अस्पताल में 70 से ज्यादा डॉक्टर हैं। इनमें से अधिकतर का रवैया समय को लेकर नहीं बदला है। ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाओं के तमाम दावे बेअसर हो रहे हैं और मरीजाें की परेशानी वहीं की वहीं है।
जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन डाॅ. आईके चुघ ने कहा, “डाॅक्टर समेत अन्य स्टाफ काे सुबह नाै बजे से चार बजे तक ड्यूटी करना अनिवार्य है। सभी लाेग अपनी ड्यूटी समयानुसार करें, इसके लिए चेतावनी लेटर जारी किया गया है दाेपहर 1.01 बजे…ए ब्लाॅक के रूम नंबर 26, डाॅ. वायपी पटेल केबिन में नहीं हैं। 12 मरीज इंतजार कर रहे हैं। बरखेड़ा पठानी निवासी इनामउलहक सिद्दीकी की बेटी राेजी काे हाथ में दाेपहर 1.15 बजे -फर्स्ट फ्लाेर पर रूम नंबर 54 में डाॅ. अशाेक बांठिया बैठते हैं। केबिन के बाहर 20 से ज्यादा मरीज इनका इंतजार कर रहे हैं। अरेरा काॅलाेनी निवासी सालिनी मिश्रा के बेटे
दाेपहर 2.58 बजे….रूम नंबर 42 डाॅ. वीके दुबे, रूम नंबर 40 डाॅ. एके शुक्ला और रूम नंबर 39 डाॅ. राकेश श्रीवास्तव लंच के लिए गए ताे तीन बजे तक नहीं लाैटे। इनके केबिन के बाहर डाॅक्टर ओपीडी के नए समय का पालन नहीं कर रहे हैं? इसप स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्राें के मरीजाें काे ध्यान में रखकर ओपीडी का समय बदला है। किसी तरह