भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की शपथ के दौरान लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ. साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसे ही शपथ ले रही थीं, तभी विपक्ष के सदस्यों ने उनके नाम को लेकर आपत्ति जताई और हंगामा करने लगे. प्रज्ञा सिंह ठाकुर संस्कृत में शपथ ले रही थीं, जैसे ही उन्होंने संस्कृत में अपने नाम का उच्चारण किया. विपक्ष ने इसका विरोध किया और कहा कि वे सिर्फ अपने नाम का ही उच्चारण करें.
साध्वी प्रज्ञा ने संस्कृत में कहा, “मैं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर स्वामी पूर्णचेतनानंद अवधेशानंद गिरी लोकसभा सदस्य के रूप में…” साध्वी प्रज्ञा अभी शपथ ले ही रही थी कि बीच में कुछ सांसदों ने टोका टोकी शुरु कर दी. इसके बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर रुक गईं.लोकसभा में मौजूद अधिकारियों ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कहा कि वे अपने पिता का नाम भी लें, इस बीच विपक्षी सदस्य हंगामा करते रहे. विपक्ष ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा ने चुनाव आयोग को जो शपथपत्र दिया है उसमें उनके गुरु स्वामी अवधेशानंद गिरी का नाम दर्ज नहीं है और नियमों के मुताबिक उनका नाम लेने की अनुमति नहीं है. हालांकि प्रोटेम स्पीकर डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि वे रिकॉर्ड चेक कर रहे हैं, कृपया शांति बनाए रखें. साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने जब दूसरी बार शपथ लेना शुरू किया तो एक बार फिर विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे. साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक बार फिर बीच में रुक गईं.
इसके बाद लोकसभा के अधिकारी सांसदों के रिकॉर्ड से जुड़ी फाइल प्रोटेम स्पीकर डॉ वीरेंद्र कुमार के पास लेकर गए. यहां पर प्रोटेम स्पीकर ने रिकॉर्ड चेक किया. प्रोटेम स्पीकर ने साध्वी प्रज्ञा से चुनाव अधिकारी द्वारा दिया गया जीत का प्रमाण पत्र भी मांगा. इस बीच प्रोटेम स्पीकर बार-बार विपक्षी सांसदों को चुप कराते रहे. आखिरकार तीसरी बार में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर शपथ ले सकीं. बता दें कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भोपाल लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीती हैं. उन्होंने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को चुनाव में हराया था. साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर महाराष्ट्र के मालेगांव धमाकों की आरोपी भी हैं.