कुंदा बैराज में शहर में तीन दिन का पानी बाकी है। खारक व देजला देवाड़ा बांध के डेड स्टोरेज से पानी लाने के प्रयास चल रहे हैं। 50 किलोमीटर दूर से शहर तक पानी पहुंचाना नगरपालिका के लिए मुश्किल हो रहा है। पानी जल्दी पहुंचाने के लिए कुंदा में जेसीबी की मदद से रास्ता बनाया जा रहा है। ताकि जल्दी पानी शहर तक पहुंचे।
शहर में पेयजल संकट के गहराते देख कलेक्टर गोपालचंद्र डाड, एसपी सुनील पांडेय, नपा सीएमओ निशीकांत शुक्ला ने कुंदा बैराज से लेकर उमरखली, मोहना, कुकडोल क्षेत्र में नदी का जायजा लिया। अफसर खारक बांध भी पहुंचे। दौरे में ग्रामीणों के साथ चौपाल भी लगाई। उनसे पेयजल का पानी अन्य उपयोग में लेने का आग्रह किया। 15 दिन से कुंदा के तटीय हिस्से में मोटरपंपों के खिलाफ सख्ती हो रही है। कुंदा किनारे के क्षेत्र में खेतों की बिजली बंद करने की रणनीति बनाई जा रही है ताकि पेयजल आसानी से बैराज तक पहुंच सके।
खारक में शहर के पेयजल के लिए 9 एमसीएम संग्रहित किया था। फिलहाल खारक बांध में 0.4 एमसीएम पानी बचा है। यह भी डेड स्टाेरेज की श्रेणी में है। इसे नदी में छ़ुड़वाया जा रहा है। देजला-देवाड़ा बांध में 0.5 एमसीएम पानी है। दोनाें मिलाकर 0.9 एमसीएम है।
देजला-देवाड़ा बांध के डेड स्टोरेज पानी को निकालने के लिए एक और मोटर पंप नपा ने लगाया। यहां पर अब तीन मोटर पंप हो गए हैं। बांध से छोड़े हुए पानी को कुंदा बैराज तक पहुंचाने के लिए नपा ने जेसीबी से बीच नदी में रास्ता साफ किया, पानी में कोई रुकावट न हो।
जलाशय से छोड़ा पानी चार दिनों में बैराज तक पहुंचेगा। पानी की रफ्तार बहुत कम है। यदि पेयजल में लेटलतीफी होती है तो नपा का जल कार्य विभाग बैराज की स्थिति देखकर जल वितरण को लेकर समय की कटौती या चौथे दिन सप्लाय करने का निर्णय ले सकता है।
प्रशासन ने पेयजल संकट से निपटने के लिए प्लॉन तैयार किया है। 15 दिनों तक यदि पर्याप्त बारिश नहीं होती है तो बीआर-3 का पानी किसी तरह कुंदा तक पहुंचाया जाएगा। पीपरी टैंक तक पानी आ चुका है। यहां से पाइप के माध्यम से बैराज तक पहुंचाना है। लगभग चार किमी क्षेत्र में दबाव के कारण पाइपलाइन में लीकेज हो रहा है। बारिश लंबी खिंचने पर नर्मदा का जहां तक पानी आ रहा है उसके आगे वैकल्पिक नाली बनाकर उसे कुंदा तक लाने के प्रयास भी हो सकते हैं।
पेयजल पहुंचाने के लिए 4 प्लान पर हो रहा काम
- एक : कुंदा नदी किनारे नपाकर्मी पुिलस की मदद से गश्त शुरू की।
- दो : पानी चोरी से बचाने बिजली कंपनी खारक से बैराज तक का बिजली का शेड्यूल बदलेगी।
- तीन : देजला-देवाड़ा बांध में 24 घंटे पंप चलाकर डेड स्टोरेज के पानी पहुंचाएंगे।
- चार : पीपरी के पास से नर्मदा जल लाने रास्ता बनाएंगे