खुफिया रिपोर्टों में चेताया गया है कि समूचे सीरिया तथा इराक में हुए नुकसान के बाद आतंकवादी गुट ISIS ने हिन्द महासागर के इलाके पर ध्यान देना शुरू किया है, जिसकी वजह से भारत और श्रीलंका पर खतरा हो सकता है.
राज्य खुफिया विभाग द्वारा केरल के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को भेजे गए तीन खतों में इसी तरह की आशंका व्यक्त की गई है. इन खतों में से एक तक की पहुंच हो पाई है, जिसमें लिखा गया है, “इराक और सीरिया में इलाके गंवा देने के बाद अब IS ने अपने ऑपरेटिवों से जिहाद के हिंसक स्वरूप को अपने-अपने देश में रहते हुए ही अंजाम देने के लिए कहा है…”
एक पखवाड़े से भी कम वक्त पहले भेजे गए एक और खत में खुफिया इनपुट के हवाले से कहा गया है कि “कोच्चि में अहम ठिकाने, जिनमें एक जाना-माना शॉपिंग मॉल भी शामिल है, ISIS के निशाने बन सकते हैं…” खत में देश में ISIS से जुड़ी साइबर गतिविधियां बढ़ने को हो सकने वाले आतंकी हमलों का संकेत कहा गया है.
वरिष्ठ अधिकारियों ने केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश तथा कश्मीर को देश में ISIS से सबसे आसानी से प्रभावित हो सकने वाले राज्य बताया है. एक खत के मुताबिक, ISIS के ऑपरेटिव अब तक संचार माध्यम के रूप में टेलीग्राम मैसेंजर को तरजीह दिया करते थे, लेकिन सूचनाओं के लीक हो जाने के डर से अब वे ‘चैटसिक्योर’, ‘सिगनल’ और ‘साइलेंटटैक्स्ट’ जैसे अन्य सुरक्षित ऐप इस्तेमाल करने पर मजबूर हो गए हैं.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, माना जाता है कि पिछले कुछ सालों में केरल से कम से कम 100 लोग ISIS में शामिल हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि समूचे केरल में 21 काउंसिलिंग सेंटरों में लगभग 3,000 लोगों को ‘डी-रैडिकलाइज़’ किया जा रहा है, और उन पर नज़र रखी जा रही है. अधिकारी के अनुसार, इनमें से अधिकतर संदिग्ध उत्तरी केरल से हैं.
जिला पुलिस अधिकारियों को आंतरिक सुरक्षा सेलों को मजबूत करने के लिए कहा गया है, जबकि दक्षिण भारतीय राज्य में रैडिकलाइज़ कर दिए गए पुलिस अधिकारियों की पहचान के लिए 10 से 12 हनी ट्रैप भी काम पर लगाए गए हैं. एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की है कि श्रीलंका में 21 अप्रैल को हुए विस्फोटों में 250 से ज़्यादा लोगों के मारे जाने के बाद से अलग-अलग गुटों से जुड़े 30 लोगों पर निगरानी रखी जा रही है.
मई के अंत से केरल के तट को एलर्ट पर रखा गया है, ताकि श्रीलंका से आने वाले ISIS आतंकवादियों का प्रवेश रोका जा सके, और जिन खुफिया खतों तक NDTV की पहुंच बनी है, वे जून में भेजे गए थे.