राजधानी से 50 किमी दूर बैरसिया के जूनापानी रुनाहा गांव में बुधवार को चार साल का एक अतिकुपोषित बच्चा मिला है। उसका वजन महज तीन किलो हैं, जो एक साल के बच्चे से भी कम है। आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं ने उसे अतिकुपोषित बच्चों की श्रेणी में रखा है। बुधवार को मामले की जानकारी मिलने पर बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों को बच्चे को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने के निर्देश दिए हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी रामगाेपाल यादव ने कहा- हमने एक साल पहले बच्चे काे एनआरसी में भर्ती कराया था। बच्चे के परिजन ही उसे अस्पताल में भर्ती नहीं करना चाहते ताे काेई क्या कर सकता है। सीएमएचओ ने भी बच्चे का इलाज करने की काेशिश की लेकिन उसके परिजन तैयार नहीं हुए। राज्य सरकार पोषण आहार प्लांट शुरू न कर निजी कंपनियों पर भरोसा जता रही है। धार और होशंगाबाद के प्लांट मार्च में शुरू होने थे, लेकिन शुरू नहीं हो सके। अब नई डेडलाइन जुलाई में बताई जा रही है।