मानसून की आहट के बीच भोपाल के बड़े तालाब को पुनर्जीवन देने के लिए बड़े प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। गुरुवार को बड़े पैमाने पर गाद से भर चुके तालाब की खुदाई शुरू हो गई है। ताकि कुछ और पानी इसमें समा सके। अभियान ज़ोर-शोर से चलाया गया है। इसमें नेता से लेकर अफसर और नगर निगम से लेकर जनता तक को शामिल किया गया है।
अभियान के तहत बड़े तालाब के साथ ही कोलांस नदी की सफाई भी होगी। जनसहयोग के साथ जिला प्रशासन ने बैरागढ़ विसर्जन घाट के सामने से गहरीकरण का काम शुरू किया है। सुबह 9:30 बजे अभियान शुरू हुआ है। इसमें शहर के सभी जनप्रतिनिधियों और सरकारी विभागों के साथ-साथ आम लोगों को बुलाया गया था, जो यहां पर बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं।
जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि तालाब के गहरीकरण से जो मिट्टी निकलेगी, उसका उपयोग पौधा लगाने में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक पेड़ कटे तो तीन पौधे लगायें। उन्होंने कहा कि भोपाल की पहचान तालाबों से है। तालाब का अतिक्रमण हटाने में सभी के सहयोग की जरूरत है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि तालाब के गहरीकरण की कार्य-योजना बनाकर आगामी दिसम्बर-जनवरी माह से ही कार्य शुरू करें। तालाब के भराव क्षेत्र में आने वाले सभी अतिक्रमणों को सख्ती से हटाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि तालाब में गंदा पानी मिलने से रोकने के लिये अमृत योजना में नालों के पानी का ट्रीटमेंट करेंगे। सिंह ने कहा कि बड़ा तालाब भोपाल का दिल है। इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हम-सबकी है।
वहीं, महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि विलंब जरूर हुआ है, लेकिन जितना समय मिलेगा, उसमें अधिक से अधिक काम करेंगे। उन्होंने कहा कि ‘हरा भोपाल-शीतल भोपाल’ की कल्पना को मूर्त रूप देने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।शर्मा ने अतिक्रमण हटाने में सबके सहयोग की अपेक्षा की।
कमिश्नर भोपाल संभाग कल्पना श्रीवास्तव ने कहा कि बड़ा तालाब भोपाल की जीवन रेखा है। इसका पुनरूद्धार जरूरी है। उन्होंने बताया कि तालाब की मिट्टी का उपयोग पौध-रोपण में करेंगे। बताया गया है कि भदभदा में किये गहरीकरण से लगभग 14,580 करोड़ लीटर और हिरदाराम नगर के पास किये जाने वाले गहरीकरण से लगभग 10 हजार करोड़ लीटर पानी अधिक संग्रहीत होगा।
बड़े तालाब से मिट्टी निकालने के लिए करीब 60 डंपर, 12 जेसीबी और छह पोकलेन मशीनें लगाई गई हैं। संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने बताया कि यहां से निकाली जाने वाली मिट्टी का इस्तेमाल निगम के पार्क, गुलाब उद्यान आदि के लिए किया जाएगा। तालाब से 15 हजार डंपर गाद-मिट्टी निकालने का लक्ष्य रखा गया है।