तेलंगाना में निर्मित कालेश्वरम गोदावरी लिफ्ट सिंचाई प्रोजेक्ट में भोपाल भेल में बने पंप (मोटर सेट) लगे हैं। शुक्रवार को करीमनगर में तीन राज्यों (तेलंगाना, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश) के मुख्यमंत्री इस प्रोजेक्ट का शुभारंभ करेंगे। तेलंगाना सरकार ने इसे दुनिया की सबसे बड़ी लिफ्ट सिंचाई परियोजना करार दिया है।
इस परियोजना में भेल भोपाल में बने पंप लगाए गए हैं, जो 89.16 घन मीटर प्रति सेकंड पानी खींचने की क्षमता रखते हैं। भेल का कहना है कि तेलंगाना के गोदावरी लिफ्ट प्रोजेक्ट के लिए बनाई गई मोटर भेल के सबसे बड़े कामों में से एक है। इससे अब तक भेल भोपाल को 1250 करोड़ रुपए मिले हैं। प्रोजेक्ट के तहत अब तक चार यूनिट का काम पूरा हुआ है। तीन यूनिट का काम पूरा होना है।
इसके लिए भी भेल ही पंप सेट उपलब्ध कराएगा। 82 हजार करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट को मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) ने भेल के साथ मिलकर तीन साल में तैयार किया है। इससे पहले एमईआईएल और भेल भोपाल ने उज्जैन की क्षिप्रा नदी में नर्मदा का पानी लाने के लिए संयुक्त रूप से काम किया था।
भेल के अपर महाप्रबंधक राघवेंद्र शुक्ला के मुताबिक भोपाल कारखाने में 20 साल से लिफ्ट ईरीगेशन के लिए पंप बन रहे हैं, लेकिन 116 मेगावाट के पंप की सबसे बड़ी यूनिट के ऑर्डर कम ही मिलते हैं। प्रोजेक्ट के लिए बनााई गई पंप मोटर का वजन 2376 मीट्रिक टन है और यह जमीन के 330 मीटर नीचे स्थापित की गई है।
तेलंगाना गोदावरी नदी से 650 मीटर ऊपर, इसलिए पानी लिफ्ट करना पड़ेगा- तेलंगाना में गोदावरी सहित कई नदियों के होने के बावजूद लोगों को इसके जल का लाभ नहीं मिला पाता था, क्योंकि तेलंगाना गोदावरी से करीब 650 मीटर ऊपर है। इसके चलते न तो पर्याप्त पीने का पानी मिल पा रहा था न ही सिंचाई के बंदोबस्त हो पा रहे थे, इसलिए गोदावरी के पानी को लिफ्ट करने की योजना बनी। इसके लिए सतह से 330 मीटर नीचे 139 मेगावाट की क्षमता वाला दुनिया का सबसे बड़ा पंपिंग स्टेशन बनाया गया। इसके जरिए गोदावरी के पानी को पंप के उपयोग से प्रतिदिन 13 टीएमसी पानी को दुनिया की सबसे लंबी 14.09 किलोमीटर लंबी सुरंग के जरिए मेडिगड्डा बैराज पहुंचाया जाएगा।