न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमणियन ने आज यहां हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश की शपथ ली। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने राजभवन में उन्हें एक सादे एवं गरिमामय शपथ समारोह में शपथ दिलवाई। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित इस शपथ समारोह का मुख्य सचिव बी.के अग्रवाल ने संचालन किया तथा भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी वारंट ऑफ अपॉइन्ट्मेंट पत्र को पढ़ा।
विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर, उत्तराखंड के मुख्य न्यायधीश रमेश रंगानाथन, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायधीश, मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायधीश, महाधिवक्ता अशोक शर्मा, हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डी.वी.एस राणा, पुलिस महानिदेशक एस.आर मरडी, नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट, विभिन्न निगमों व बोर्डों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमणियन बी.एस.सी, बी.एल, आईसीडब्ल्यूएआई (इंटर) का जन्म 30 जून, 1958 में हुआ। 16 फरवरी, 1983 को अधिवक्ता के रूप में एनरॉल हुए और उन्होंने लगभग 23 वर्षों तक मद्रास के उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस की, शहर एवं लघु मामलों, राज्य उपभोक्ता आयोग एवं जिला उपभोक्ता फोरम, राज्य प्रशासनिक ट्रिब्यूनल, चेन्नई इन सर्विस, नागरिक एवं संवैधानिक मामलों तथा सेवा संबंधी मामलों के विशेषज्ञ। 31 जुलाई, 2006 को उन्हें मद्रास उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायधीश नियुक्त किया गया एवं 9 नवम्बर, 2009 को उन्हें स्थाई न्यायधीश नियुक्त किया गया। 27 अप्रैल, 2016 को उन्हें तेलंगाना तथा आन्ध्र प्रदेश उच्च न्यायालय को स्थानांतरित किया गया तथा 1 जनवरी, 2019 को तेलंगाना उच्च न्यायालय का न्यायधीश नियुक्त किया गया।