मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को मिनी स्मार्ट सिटी का कॉन्सेप्ट समझाते हुए कहा है कि इसके चक्कर में छोटे शहरों को मत फंसाइए। मिनी स्मार्ट सिटी के नाम पर ऐसे काम न हों, जो वहां के उपयोग में ही न आएं। सीएम ने शुक्रवार काे मप्र अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के संचालक मंडल की बैठक में यह बात कही। कंपनी की बोर्ड मीटिंग करीब डेढ़ साल बाद हुई। प्रदेश में नई सरकार आने के बाद बोर्ड में होने वाले बदलावों व लंबित फैसलों का बैठक में अनुमोदन किया गया। इसमें खासतौर पर स्मार्ट सिटी पर चर्चा की गई।
सीएम ने कहा कि मिनी स्मार्ट सिटी का मतलब ये नहीं कि किसी छोटे शहर को मिनी स्मार्ट सिटी घोषित कर दिया जाए। बड़े शहर के किसी छोटे हिस्से को मिनी स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाता है। छोटे शहरों को जो फंड दिया जा रहा है वह जारी रखें, लेकिन स्मार्ट सिटी के नाम पर नहीं।
अर्बन डेवलपमेंट के लिए उन्हें और राशि उपलब्ध कराएं। स्मार्ट सिटी के नाम पर ऐसे काम होंगे, जो उस शहर के लिए जरूरी नहीं हैं। जैसे आईटी या सौंदर्यीकरण के नाम पर खर्च किया जाएगा, जबकि पहले शहरों को अच्छी सड़कों व अन्य मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है। इसलिए छोटे शहरों की मूलभूत सुविधाओं पर ज्यादा ध्यान दिया जाए। स्मार्ट सिटी की अवधारणा पर ही बड़े नगरों की सीमाओं पर नई टाउनशिप के प्रस्ताव तैयार करें।
अन्य निगमों के लिए योजना बनाएं : कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के 7 नगर निगमों का चयन स्मार्ट सिटी के रूप में हुआ है, बाकी 9 नगर निगमों बुरहानपुर, मुरैना, छिंदवाड़ा, देवास, खंडवा, रतलाम, रीवा, कटनी व सिंगरौली के लिए भी विशेष योजना बनाएं। उन्होंने 66 नगरीय निकायों में 3,450 करोड़ रुपए की जल और सीवरेज योजनाओं का कार्य 2020 तक पूरे करने के निर्देश दिए।
सरकारी जमीन करें सही उपयोग : सीएम ने अपने वित्तीय संसाधन विकसित करने के लिए सरकारी जमीन का सही उपयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि उपलब्ध सरकारी जमीन नगरीय निकायों को उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार करें। खासतौर पर भोपाल और इंदौर को प्राथमिकता दें। अतिशेष जमीन से आय के साधन जुटा कर राशि का उपयोग विकास कार्यों में किया जाए।
भोपाल-इंदौर के दबाव को कम करें, दोनों ओर कॉरिडोर बनाएं : मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित भोपाल-इंदौर न्यू एक्सप्रेस-वे में आने वाले सभी नगरों के सरकारी ऑफिसों को दोनों ओर कॉरिडोर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भोपाल व इंदौर की सीमा के आसपास नई टाउनशिप के प्रस्ताव तैयार किए जाएं। इससे भोपाल और इंदौर जैसे नगरों पर निरंतर बढ़ रहे दबाव को कम किया जा सकेगा।
बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह, मुख्य सचिव एसआर मोहंती, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन एम गोपाल रेड्डी, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास गौरी सिंह, प्रमुख सचिव लोक निर्माण मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास संजय दुबे, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ यांत्रिकी संजय शुक्ला, आयुक्त नगरीय विकास एवं आवास पी नरहरि आदि उपस्थित थे।