उत्तरप्रदेश के घोसी से बसपा सांसद और दुष्कर्म के आरोपी अतुल राय ने शनिवार को वाराणसी कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वह लोकसभा चुनाव प्रचार के वक्त से फरार चल रहे थे। अतुल ने अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। यहां से राहत नहीं मिलने पर उनके वकील ने सरेंडर के लिए अर्जी दी थी।
लोकसभा चुनाव में बसपा नेता अतुल राय घोसी सीट से गठबंधन के प्रत्याशी थे। 1 मई को छात्रा ने वाराणसी के लंका थाने में उनके खिलाफ बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का केस दर्ज कराया था। इसके बाद से ही राय फरार चल रहे थे और प्रचार अभियान के दौरान भूमिगत रहे। हालांकि, उनके वोट मांगने के वीडियो वायरल होते रहे। राय ने भाजपा के हरिनारायण राजभर को 1 लाख 22 हजार वोटों से हराया। अतुल पिछले दिनों लोकसभा में सांसद पद की शपथ नहीं ले पाए।
अतुल मतदान और नतीजों के दिन भी लापता थे। वह 24 मई तक फेसबुक पर सक्रिय रहे। उन्होंने अपने आखिरी वीडियो में जीत के लिए जनता का शुक्रिया अदा किया था। राय ने एक वीडियो में कहा था कि वह जल्द ही जनता के बीच आएंगे। जनता की अदालत सबसे बड़ी होती है और जनता ने मुझे निर्दोष करार दिया है। जल्द ही कानूनी कार्यवाही से मुक्त हो जाऊंगा।
उधर, वाराणसी पुलिस ने अतुल राय के आत्मसमर्पण नहीं करने पर उनकी संपत्तियों को अटैच करना शुरू कर दिया था। अतुल जमानत के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गए। पुलिस ने उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया। उनके खिलाफ देशभर के एयरपोर्ट पर अलर्ट था।
छात्रा का आरोप है कि अतुल राय ने उसे पत्नी से मिलाने के लिए आवास पर बुलाया था। इसके बाद मौके का फायदा उठाकर दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं, उसे जान से मारने की धमकी भी दी। हालांकि, अतुल राय का कहना है कि युवती ऑफिस आकर चुनाव लड़ने के नाम पर चंदा लेती थी। चुनाव में प्रत्याशी बनने के बाद ब्लैकमेल करने का प्रयास किया। अतुल के बचाव में मायावती भी उतरी थीं। उन्होंने कहा था कि उनके प्रत्याशियों को बदनाम करने के लिए भाजपा साजिश कर रही है।
अतुल राय गाजीपुर जिले के भांवरकोल थाना के वीरपुर के निवासी हैं। पंजाब की जेल में बंद मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी माने जाते हैं। अतुल के खिलाफ वाराणसी और गाजीपुर समेत आसपास के अन्य जिलों में गंभीर आपराधिक आरोपों में 15 से ज्यादा केस दर्ज हैं।